सेक्स का चुनाव तब तक अपराध नहीं है जब आपके आस-पास रहने वालों के जीवन पर किसी तरह का असर नहीं पड़ता। लिहाजा सेक्स का चुनाव करना हर किसी का पर्सनल डिसीजन होता है इसलिए यह कोई अपराध नहीं है। सेक्स चुनाव पर इस तरह के विचार आरएसएस के ज्वाइंट सेकेट्री दत्तात्रेय होसाबले ने इंडिया टुडे के प्रोग्राम में बयां की। संघ की ओऱ से दिए गए इस बयान के बाद होमोसेक्शुअलिटी को गैरआपराधिक कराने की बहस और तेज होने का अंदेशा है।

बता दें कि जहां होसाबले का सेक्स चुनाव पर ऐसा बयान आया तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी में बीजेपी में कुछ ही नेता ऐसे हैं, जो समलैंगिक यानी गे रिलेशनशिप को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने की वकालत करते हैं। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट भी समलैंगिक रिश्तों को अपराध बताने वाली IPC की धारा 377 के खिलाफ दाखिल सभी 8 क्यूरिटिव पिटिशन्स पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। गौरतलब है कि हाल ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जब लाखों लोग इसमें गे सेक्स रिलेशन शामिल हैं, तो आप उन्हें अनदेखा नहीं कर सकते।

प्रोग्राम के दौरान मुस्लिमों पर बोलते हुए होसाबले ने कहा कि उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्होंने देश पर शासन किया था तो वे दोबारा भी शासन करेंगे। हालांकि उन्होंने यह कहकर मुस्लिमों का बचाव भी किया छत्रपति शिवाजी की सेना में मुस्लिम थे। मुस्लिमों ने भी देश के लिए जान लड़ाई है।

आरएसएस में महिलाओं के न होने के सवाल पर होसाबले ने कहा कि महिलाओं के लिए आरएसएस की अलग समिति है। जब उनसे पूछा कि संघ की एक ही टीम में पुरुष और महिलाएं क्यों नहीं हैं तो उन्होंने क्रिकेट टीम उदाहरण देते हुए कहा कि आपकी एक ही क्रिकेट टीम में पुरुष और महिला क्रिकेटरों को एक साथ क्यों नहीं रखते?