वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर जाते ही शनिवार को प्रशासनिक मशीनरी हरकत में आ गई। वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय प्रशासन से हालात की जानकारी ली है। डीएम विजय किरन आनंद ने शनिवार सुबह अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ की स्थिति और राहत सामग्राी की उपलब्धता समेत अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली। हालात के मद्देनजर सभी विभागीय अधिकारियों पीएसी व एनडीआरएफ को सतर्क कर दिया गया है। अधिकारियों और कमर्चारियों के अवकाश पर रोक लगाते हुए जिला मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम को 24 घंटे खुल रखने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारी ने जिले में 34 बाढ़ चौकियों का मुआयना किया और जरूरी निर्देश जारी किए। अब तक हजार लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। बाढ़ के चलते वाराणसी कैंट व मुगलसराय में ट्रेन सेवा अस्त-व्यस्त रही।
यहां कई ट्रेनें 19 घंटे देरी से चल रही हैं। गंगा व वरूणा नदी के बढ़ते जलस्तर से सैकड़ों घरों में पानी भर चुका है। वाराणसी के सांसद पीएम नरेंद्र मोदी ने डीएम से बाढ़ के खतरे की जानकारी ली और मदद के लिए भरोसा दिया है। केंद्रीय जल आयोग वाराणसी कार्यालय ने जनसत्ता को बताया कि गंगा समेत घाघरा, गोमती, सोन आदि नदियों की सहायक नदियों में आई बाढ़ ने भी सैकड़ों गांव को अपने चपेट में ले लिया।
इसके चलते फसलें बाढ़ के पानी में डूब गया है। काशी में गंगा खतरे के निशान, 71.26 मीटर, से ऊपर बह रही है। बीएचयू के जल वैज्ञानिक संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विशंभर नाथ मिश्र ने बताया कि इलाहाबाद, मिर्जापुर व मध्य प्रदेश से बहने वाली नदियों आई बाढ़ से खतरा और बढ़ गया है। डीएम बनारस श्री आनंद ने बताया कि बाढ़ का जल स्तर तेजी से बढ़ने के कारण शहर के कई प्रसिद्ध रहवासी इलाकों मेंपानी भर गया है। बाढ़ का पानी रविंद्रपुरी प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय के रास्ते पर प्रवेश कर चुका है।