दशकों से बीजेपी की सहयोगी रही शिवसेना के तल्ख रवैये में बदलाव के आसार न के बराबर है। मराठा आरक्षण की भड़की चिंगारी के बीच शिवसेना ने नया राग छेड़ दिया है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिक्षा में मुसलमानों को आरक्षण देने का समर्थन किया है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने शिवसेना के रुख का समर्थन किया है। पार्टी ने शिक्षा में मुसलमानों को 5% आरक्षण न देने को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की कड़ी आलोचना की है। ओवैसी की पार्टी ने फड़णवीस सरकार पर बांबे हाई कोर्ट के फैसले को न मानने का भी आरोप लगाया है। उद्धव ठाकरे ने कहा था, ‘मराठा के अलावा धांगड़, मुस्लिम और अन्य समुदायों के आरक्षण की मांग पर भी गौर करना चाहिए। हमारी पार्टी इस मसले पर केंद्र सरकार का पूरा समर्थन करेगी।’ मुस्लिमों को आरक्षण देने के मुद्दे पर उद्धव ने कहा कि यदि उनकी मांग तर्कपूर्ण और जायज है तो उस पर विचार किया जाना चाहिए। बता दें कि महाराष्ट्र फिलहाल मराठा आरक्षण की आग में झुलस रहा है। राज्य के कई हिस्सों में हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए हैं। मराठा समुदाय के कई लोग आरक्षण की मांग को लेकर सूसाइड कर चुके हैं।
‘बीजेपी कुछ सीखे’: AIMIM के विधायक इम्तियाज जलील ने शिवसेना के रुख का स्वागत किया है। उन्होंने बीजेपी को इससे सीख लेने की भी नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा, ‘यह एक सकारात्मक पहल है। बीजेपी को इससे सीख लेनी चाहिए। बीजेपी के कुछ नेता अपने बयानों और कृत्यों से लगातार मुसलमानों को निशाना बनाते रहते हैं।’ उन्होंने बताया कि बांबे हाई कोर्ट ने भी मुस्लिम समुदाय को 5 फीसद आरक्षण देने का समर्थन किया है। जलील ने कहा, ‘हाई कोर्ट ने मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की मांग को खारिज करते हुए मुसलमानों को 5 फीसद आरक्षण देने की अनुमति दी थी। मराठा समुदाय के मामले में कोर्ट ने पिछड़ा श्रेणी आयोग गठित करने को कहा था। मुसलमानों के मामले में कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर शिक्षा में आरक्षण देने की बात कही थी। यह बड़े ही अफसोस की बात है कि राज्य सरकार ने अभी तक कोर्ट के दिशा-निर्देशों को लागू नहीं किया है।’