टीआरपी रेटिंग से कथित छेड़छाड़ के मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, मामले में एक और आरोपी- बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया है कि टीआरपी छेड़छाड़ मामले में अर्नब गोस्वामी ‘प्रमुख व्यक्ति’ थे।
बताया गया है कि पार्थो दासगुप्ता की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस पीडी नाईक ने दासगुप्ता के वकील से पूछा था कि पुलिस के मुताबिक इस पूरे मामले में मुख्य व्यक्ति कौन है और दासगुप्ता का विवाद में क्या पक्ष है। इसी पर प्रतिक्रिया में वकील शार्दुल सिंह ने अर्नब का नाम लिया। दूसरी तरफ सरकार की तरफ से पेश हो रहे अभियोजन पक्ष के वकील दीपक ठाकरे ने कहा कि मामले में जो एडिशनल चार्जशीट दायर हुई है, उसमें दासगुप्ता को मास्टरमाइंड माना गया है।
गौरतलब है कि बार्क के पूर्व सीईओ की जमानत याचिका पहले ही दो निचली अदालतों की तरफ से खारिज हो चुकी है। अब उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की। दासगुप्ता के वकील ने कहा कि मामले के अन्य सभी आरोपी, यहां तक कि बार्क के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर तक को या तो जमानत दी जा चुकी है, या कोर्ट की तरफ से गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है। सिंह ने इसी बराबरी की कार्यवाही का मुद्दा उठाते हुए दासगुप्ता के लिए जमानत मांगी। साथ ही उनके खराब स्वास्थ्य का भी हवाला दिया।
हालांकि, इस पर अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध किया और कहा कि तलोजा जेल में मेडिकल अफसरों की टीम लगातार दासगुप्ता पर नजर रख रही है और उनकी हालत अभी स्थिर है। वकील ठाकरे ने कहा कि अगर कोई इमरजेंसी होती है, तो दासगुप्ता को तुरंत जेजे अस्पताल पहुंचाया जाएगा, चाहे इसके लिए पुलिस एस्कॉर्ट मुहैया हो या नहीं।
पार्थो दासगुप्ता की जमानत याचिका को लेकर फिलहाल कोर्ट ने सुनवाई एक हफ्ते के लिए टाल दी है। साथ ही उनके वकील को याचिका में बदलाव करने और सप्लीमेंट्री चार्जशीट की कॉपी हासिल करने के निर्देश दिए। बता दें कि टीआरपी घोटाले के मामले में दासगुप्ता अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के आरोपी बनाए गए हैं।
