भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के देशान्तरण पर आज डोमिनिकन अदालत में महत्वपूर्ण सुनवाई होगी। सुनवाई से पहले कई रिपोर्ट्स में ये दवा किया कि मेहुल चोकसी को बचाने के लिए उसके भाई ने डोमिनिका के नेता प्रतिपक्ष को रिश्वत भी दी है। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार मेहुल चोकसी के भाई चेतन चोकसी डोमिनिका पहुंचे हैं। जिनपर कुछ डोमिनिकन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों का आरोप है कि चेतन चोकसी ने वहां विपक्ष के नेता से मुलाकात की। मेहुल चौकसी को भारत निर्वासित करने के खिलाफ समर्थन मांगा है। एक स्थानीय डोमिनिकन मीडिया में बताया जा रहा है कि चेतन चोकसी ने डोमिनिका के विपक्षी नेता लेनोक्स लिंटन को घूस के तौर पर 2 लाख अमेरिकी डॉलर दिए हैं। खबरों के मुताबिक चेतन चोकसी हांगकांग से डोमिनिका तब पहुंचा जब उसे इस बात की जानकारी हुई कि उसके भाई को हिरासत में लिया गया है।

वहीं इस मामले पर विपक्ष के नेता लेनोक्स लिंटन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार इस तरह किसी भी व्यवसायी को गिरफ्तार करना अस्वीकार्य है। वही उन्होंने अपने ऊपर लग रहे है इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट सरकार इस बारे में सारी जानकारी थी।इसके साथ ही उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि मेहुल चोकसी बिना पासपोर्ट के डोमिनिका आया था, यह कैसे हो सकता है? सरकार से पूछा जाना चाहिए कि आखिर उसे बगैर पासपोर्ट एंट्री कैसे मिल गई?

आपको बता दें कि एंटीगुआ और डोमिनिका के विपक्षी दलों ने कहा है कि मेहुल चोकसी को भारत नहीं जाने देना चाहिए। मेहुल चोकसी को जारी नोटिस में इस बात का उल्लेख किया गया है कि मैं एंटीगुआ और बारबुडा में नागरिकता की जिम्मेदारी लेने वाले मंत्री के रूप में, एंटीगुआ और बारबुडा नागरिकता अधिनियम, कैप की धारा 8 के अनुसार एक आदेश पारित करता हूं कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता से वंचित किया जाये। आपकी तरफ से जो एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता के लिए आवेदन दिया था, उसमें जानबूझकर कई तथ्यों को छुपाया गया था।

गौरतलब है कि जनवरी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होने का खुलासा हुआ था। इस मामले में 30 जनवरी को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन उससे पहले ही इस घोटाले के दो मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भारत छोड़कर भाग गए थे।