दिल्ली में प्रदूषण कम करने और गर्म हवाओं के असर को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार दिल्ली रिज को पूरी तरह संरक्षित करने की योजना पर काम कर रही है। कुल 7,784 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले दिल्ली रिज के 3,606 हेक्टेयर हिस्से को आरक्षित वन क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने का रास्ता साफ हो गया है।
हाल में ही केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हुई बैठक में आरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने संबंधी सभी अड़चन दूर हो गई हैं। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दिल्ली सरकार को अगले तीन माह के भीतर अधिसूचना प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
दिल्ली रिज का अब तक 4178 हेक्टेयर हिस्सा आरक्षित वन
दिल्ली रिज का अब तक 4,178 हेक्टेयर हिस्सा पहले से ही भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत आरक्षित वन घोषित किया जा चुका है। शेष हिस्से के अधिसूचना में सरकारी संस्थानों के क्षेत्र को शामिल करने या अलग रखने का निर्णय वन बंदोबस्त अधिकारियों की ओर से दस्तावेजों के आधार पर लिया जाएगा। अधिसूचित होने के बाद यह क्षेत्र कानूनी मान्यता प्राप्त करेगा और अतिक्रमण और अवैध भूमि इस्तेमाल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई संभव होगी।
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साल 2026-27 में केंद्रीय रिज में पांच लाख पौधे लगाने की योजना
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अगले साल 2026-27 में केंद्रीय रिज में पांच लाख पौधे लगाने की योजना है। इसके लिए दिल्ली सरकार के पास पहले से एक लाख पौधे उपलब्ध हैं और शेष चार लाख पौधों की आपूर्ति, रोपण और देखभाल के लिए निविदा प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। पौधारोपण कार्य मानसून के शुरू होने के साथ ही आरंभ किया जाएगा।
इस पूरी कार्य योजना में वृक्षों के प्रकार, जीवनकाल, फल और फूल देने की जानकारी फोटोग्राफी सहित शामिल होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने पहले ही कई बैठकें कर योजना की समीक्षा की है। एनजीटी की पहले से दिए गए निर्देशों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
