Sacrilege Case in Punjab: पंजाब के लुधियाना (Ludhiana) में मंगलवार को डुगरी पुल के पास एक नहर में गुटका साहिब (Religious Book) मिली। मौके पर विभिन्न सिख संगठनों (Various Sikh Organizations) के लोग पहुंचे। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हालांकि लुधियाना के एडीसीपी (ADCP) समीर वर्मा ने कहा, “यह बेअदबी का मामला नहीं लगता है।” लोगों का कहना है कि यह स्थानीय लोगों को भड़काने और आपसी सौहार्द्र को बिगाड़ने (Inciting And Disturbing Mutual Harmony) की कुछ असामाजिकतत्वों की साजिश है। सिख संगठनों ने पुलिस से ऐसा करने वालों को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की है।

धार्मिक ग्रंथों की ‘बेअदबी (Sacrilege)’ का मतलब?

बेअदबी का शाब्दिक अर्थ किसी भी धार्मिक प्रतीकों के साथ छेड़छाड़ करना या उसे नुकसान पहुंचाने का प्रयास करना है। सिख धर्म में धार्मिक प्रतीकों जैसे गुरु ग्रंथ साहिब, निशान साहिब, पगड़ी, कृपाण आदि के प्रति किसी प्रकार का असम्मान दिखाना, उनको नुकसान पहुंचाना, ऐसा करने की कोशिश करना बेअदबी कही जाती है। ऐसे किसी भी कार्य जिससे धार्मिक आस्था को ठेस लगे, वह बेअदबी कही जाती है।

‘बेअदबी’ करने पर क्या है सजा का प्रावधान

धार्मिक महत्व के प्रतीकों (Symbols Of Religious Significance) का असम्मान या बेअदबी (Sacrilege) करने पर सजा का प्रावधान है। इसमें आईपीसी (IPC) की 295AA धारा में गुरु ग्रंथ साहिब का असम्मान करने पर उम्रकैद का प्रावधान है। इसके अलावा भी कई तरह की सजा का प्रावधान है। धार्मिक प्रतीकों का अपमान करना संवैधानिक रूप से भी गलत और दंडनीय अपराध है।

पंजाब में बेअदबी को लेकर कई बार हिंसा भी हो चुकी है

पंजाब में बेअदबी को लेकर कई बार हिंसा भी हो चुकी है। इस मामले में कुछ लोगों कीा जान भी जा चुकी है। हाल ही में पंजाब के फरीदकोट में प्रदीप कुमार नाम के एक शख्स की दूध की दुकान पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह डेरा सच्चा सौदा अनुयायी थे, जो 2015 के बरगाड़ी बेअदबी के मामलों में आरोपी था।अब तक, पिछले छह वर्षों में सात डेरा अनुयायी मारे गए हैं और उनमें से चार बेअदबी के मामलों में सीधे तौर पर शामिल थे या आरोपी के रूप में अभियोग लगाए गए थे।