उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद जम्मू-कश्मीर के डोडा से घरों में दरारें आने की खबरों के बाद प्रशासन ने अब एक राहत भरी जानकारी साझा की है। डोडा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अतहर अमीन जरगर ने जानकारी दी है कि डीएम से बात कर डेटा शेयर किया गया है। उन्होंने कहा है कि यह अच्छी बात है कि 2 दिन से क्षेत्र में ज्यादा बदलाव नहीं हुए हैं। हाई स्कूल में राहत केंद्र बनाए गए हैं। जहां अभी लोगों को शिफ्ट किया गया है। हालांकि इलाके को फिलहाल रेड जोन घोषित किया गया है।

उपायुक्त विशेष पॉल महाजन 4 फरवरी को जानकारी साझा की थी कि कुल 19 घरों में दरारें आई हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम काम कर रही है। उन्होंने कुछ नमूने लिए हैं। उन्होने कहा था कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

Jammu-Kashmir : स्कूल में शिफ्ट किए गए प्रभावित परिवार

सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अतहर अमीन जरगर के मुताबिक डोडा के नई बस्ती गांव में घरों में दरारें आने के बाद निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। जोशीमठ में भू-धंसाव जैसी स्थिति का विश्लेषण करने वाली भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों की एक टीम ने कल डोडा का दौरा किया था। अतहर अमीन जरगर पहले जानकारी साझा की थी कि डोडा जिले में दिसंबर में एक घर में दरारें आने की सूचना मिली थी। लेकिन अब ये दरारें बढ़नी शुरू हो गई हैं और क्षेत्र को धंसते हुए देखा जा सकता है।

Jammu-Kashmir : डरे हुए इलाके के लोग

इस बीच स्थानीय लोग लगातार सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। एक डोडा निवासी ने कहा कि हम यहां रहने के लिए बहुत डरे हुए हैं। हम अपने घर के अंदर भी नहीं बैठ सकते क्योंकि पूरे इलाके में दरारें पड़ गई हैं। हम बच्चों को रहने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक जगह की तलाश कर रहे हैं। इस बीच वहां के एक अन्य स्थानीय नागरिक ने कहा कि उन्हें यहां किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उचित उपाय करने का आश्वासन दिया गया है। एक अन्य स्थानीय ने कहा कि डीसी यहां आए हैं और हमें सुरक्षा का आश्वासन दिया है, लेकिन हम प्रशासन से उन छह घरों का पुनर्वास करने का अनुरोध करते हैं, जो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।