Jammu-Kashmir : उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद अब जम्मू-कश्मीर के डोडा में भी लोगों के घरों में दरारें आनी शुरू हो गई हैं। इस मामले की जांच के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का वैज्ञानिक दल डोडा के नई बस्ती क्षेत्र पहुंच चुका है। उपायुक्त विशेष पॉल महाजन ने जानकारी साझा की है कि कुल 19 घरों में दरारें आई हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम काम कर रही है। उन्होंने कुछ नमूने लिए हैं। हम कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
बारामूला पुलिस ने जानकारी साझा की है कि के अफरवाट इलाके में आज सुबह हिमस्खलन हुआ। हालांकि किसी के हताहत होने या किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।
Jammu-Kashmir :एसडीएम ने दी थी जानकारी
इस मामले को लेकर एक दिन पहले (3 फरवरी) को डोडा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अतहर अमीन जरगर का बयान सामने आया था। उनके मुताबिक पिछले साल दिसंबर में एक घर में दरारें दिखनी शुरू हुई थीं और अब बढ़नी शुरू हो गई हैं। अतहर अमीन जरगर ने कहा “डोडा जिले में दिसंबर में एक घर में दरारें आने की सूचना मिली थी। कल तक छह इमारतों में दरारें आ गई थीं, लेकिन अब ये दरारें बढ़नी शुरू हो गई हैं और क्षेत्र को धंसते हुए देखा जा सकता है।
डोडा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अतहर अमीन जरगर ने कहा कि प्रशासन स्थिति का जायजा लेने के लिए एक टीम गठित कर रहा है। उन्होने जांकरी दी थी कि इस मामले की जांच को लेकर प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है। लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा रहा है।
Jammu-Kashmir : डरे हुए इलाके के लोग
इस बीच स्थानीय लोग लगातार सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। एक डोडा निवासी ने कहा कि हम यहां रहने के लिए बहुत डरे हुए हैं। हम अपने घर के अंदर भी नहीं बैठ सकते क्योंकि पूरे इलाके में दरारें पड़ गई हैं। हम बच्चों को रहने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक जगह की तलाश कर रहे हैं। इस बीच वहां के एक अन्य स्थानीय नागरिक ने कहा कि उन्हें यहां किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उचित उपाय करने का आश्वासन दिया गया है। एक अन्य स्थानीय ने कहा कि डीसी यहां आए हैं और हमें सुरक्षा का आश्वासन दिया है, लेकिन हम प्रशासन से उन छह घरों का पुनर्वास करने का अनुरोध करते हैं, जो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।