शहर की एक विशेष ‘पॉक्सो’ अदालत ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपने बयान से मुकरने वाली 16 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को मुआवजे की रकम वापस करने का आदेश दिया है। यह राशि उसे सरकारी योजना मनोधैर्य के तहत मुहैया की गई थी। हालांकि, सुनवाई के दौरान पीड़िता के पिता को उसका यौन उत्पीड़न करने का दोषी करार दिया गया।
पहले कहा था- 5 साल तक पिता ने किया बलात्कारः मनोधैर्य योजना महाराष्ट्र महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जाती है। इसके तहत बलात्कार पीड़िता, तेजाब हमला पीड़िता और यौन अपराधों से पीड़ित बच्चों को मुआवजा दिया जाता है। पीड़िता ने कहा था उसके पिता ने पांच साल तक उसका कई बार बलात्कार किया और उसने 2015 में पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज कराई थी।
National Hindi News, 05 July 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
पीड़िता अदालत में अपने बयान से पलट गई। लेकिन अन्य गवाहों, साक्ष्यों और परिस्थितियों के आधार पर यौन अपराध से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अदालत ने उसके पिता को दोषी ठहराया। विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश एडी देव ने अधिकारियों को पीड़िता से तीन लाख रूपये की मुआवजा राशि वापस लेने को कहा, जो उसे राज्य सरकार की योजना के तहत मिली थी। बता दें ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी बलात्कार पीड़िता को दिए गए मुआवाजे की रकम वापस करनी पड़ी हो। इससे पहले मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा बलात्कार पीड़िता को दिए गए रुपयों की रकम वापस करने के आदेश दिए गए थे। जानकारी के मुताबिक पीड़िता को ‘मनोधैर्य’ योजना के तहत 2 लाख रुपए की राशि मदद के लिए दी गई थी हालांकि जब कोर्ट में मामले की सुनवाई के समय लड़की बयान से पलट गई थी। बता दें ‘मनोधैर्य योजना’ महाराष्ट्र सरकार की स्कीम है, जिसमें अंतर्गत बलात्कार पीड़िताओं और एसिड अटैक विक्टिम को आर्थिक मदद मुहैया कराई जाती है।