रामपुर के डीएम आंजनेय कुमार सिंह इन दिनों काफी चर्चा में बने हुए है। इसकी वजह समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और सांसद आजम खान के खिलाफ उनकी कार्रवाई। अपने हिम्मत के बूते राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों में उनकी खूब चर्चा हो रही है।

उन्होंने आजम के खिलाफ कार्रवाई के बाद इस आईएएस अधिकारी ने अपना अलग ही प्रशंसक वर्ग बना लिया है। पिछले चार महीनों में आजम खान के खिलाफ दर्ज 44 मामलों में डीएम आंजनेय कुमार सिंह की भूमिका रही है। कहा जा रहा है कि रामपुर के डीएम ने ही आजम खान की नाक में दम कर रखा है।

डीएम सिंह ने आजम खान का भू माफिया की सूची में शामिल किया। इसके बाद उनका सरकारी पोर्टल पर प्रकाशित कराया। सत्ता के गलियारों में पहुंच रखने वाले लोगों का मानना है कि रामपुर के डीएम को सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ही सपा नेता आजम खान पर नकेल कसने के लिए चुना है।

कुछ अधिकारियों का मानना है कि यह पहली बार नहीं है कि जब आजम खान और आंजनेय कुमार सिंह के बीच इस तरह का टकराव रहा है। भूमाफिया घोषित होने के बाद आजम खान ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमों के लिए सीधे तौर पर डीएम को जिम्मेदार ठहराया था। आजम का कहना था कि डीएम उन्हें चुनाव हरवाना चाहते थे लेकिन वह चुनाव जीत गए। इस लिए अब बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है।

वहीं डीएम ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी आजम खान से कोई निजी रंजिश नहीं है। 2005 बैच के आईएएएस अधिकारी सिंह जब सिक्किम कैडर में थे तब भी आजम खान उनका आमना-सामना हो चुका है। इसके बावजूद सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर भी आंजनेय कुमार सिंह के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया।

सिंह मूल रूप से मऊ जनपद के रहने वाले हैं। उनके साथियों का कहना है कि सिंह उत्तर प्रदेश में अभी प्रतिनियुक्ति पर हैं और कभी भी अपने होम कैडर में लौट सकते हैं। रामपुर का डीएम बनाए जाने से पहले वे फतेहपुर के डीएम थे। उन्होंने इसी साल फरवरी में रामपुर के डीएम का पदभार संभाला था।

उन्होंने तत्कालीन डीएम महेंद्र बहादुर सिंह का स्थान लिया था। प्रशासनिक फेरबदल के तहत महेंद्र बहादुर सिंह को शासन में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग में विशेष सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी। इस फेरबदल में 22 जिलों के डीएम का तबादला किया गया था।