समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद रामगोपाल यादव का बयान आया है। रामगोपाल ने कहा कि उन्हें पार्टी से निकालने जाने का दुख नहीं है, लेकिन उन पर जो आरोप लगाए हैं, उससे उन्हें पीड़ा हुई है। साथ ही कहा कि किसी अन्य दल के नेताओं के मिलना कोई अपराध नहीं है। इसके अलावा उन्होंने अमर सिंह पर भी परोक्ष हमला किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति के दलाल अखिलेश को हटाने चाहते हैं। इसलिए मैं समाजवादियों से अपील करता हूं कि वे अखिलेश के साथ पूरी ताकत से जुटे रहें। रामगोपाल ने यह बयान एक पत्र जारी करके दिया है।
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पत्र में उन्होंने लिखा है, ‘मुझे पार्टी से निकालने जाने का कोई दुख नहीं है। मेरे ऊपर जो घटिया आरोप लगाए गए हैं, उनसे मुझे पीड़ा जरूर हुई है। लोकतांत्रिक राजनीति में अन्य दलों के नेताओं से मिलना कोई अपराध नहीं है। सैफई में एक समारोह में मैं नेताजी के साथ मोदी से मिला था। पिछले दिनों भाजपा के एक सांसद ने पहले शिवराज सिंह के पुत्र की शादी के उपलक्ष्य में भोज दिया था। फिर पार्टी के एक सांसद भाजपा के उस सांसद के स्वागत में भोज दिया था। माननीय नेताजी व शिवपाल जी दोनों उमसें मौजूद थे। ये बातें उठना भी घटिया सोच को दर्शाता है। मैं फिर समाजवादी साथियों से अपील करूंगा कि किसी धोखे या भ्रम में ना रहें। पूरी ताकत से अखिलेश के साथ जुटें ताकि राजनीति के दलाल अखिलेश को हटाने की अपनी कोशिश में कामयाब ना हों।’
Ram Gopal Yadav statement after being sacked from Samajwadi party, says will continue to support Akhilesh Yadav till he becomes CM pic.twitter.com/ehuR67Nbx2
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 23, 2016
बता दें, रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया गया था। वह अखिलेश के समर्थन में थे। उन्हें मुलायम सिंह यादव ने पार्टी से निकाला। रामगोपाल को छह साल के लिए पार्टी से निकाला गया है। उनसे महासचिव का पद भी छीन लिया गया। इससे पहले अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिपरिषद से चाचा शिवपाल सिंह यादव समेत चार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बर्खास्तगी की चिट्ठी राज्यपाल राम नाईक को भेज दी थी।
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वहीं उत्तर प्रदेश सरकार से बर्खास्तगी के बाद शिवपाल सिंह यादव ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा है था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पार्टी के ही एक बड़े नेता की चाल का शिकार हो गए हैं, जिसे वो समझ नहीं सके और ऐसा कदम उठा लिया। उनका इशारा रामगोपाल यादव की ओर था। शिवपाल ने रामगोपाल यादव का नाम लिए बिना कहा, पार्टी के कुछ बड़े नेता सीबीआई से बचने के लिए बीजेपी से मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि यह वक्त चुनाव का है, इसलिए एकजुट होकर सभी लोग पार्टी हित में काम करें। शिवपाल ने यह भी कहा कि मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में वो विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
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