Ayodhya Ram Navami: आज देशभर में रामनवमी का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। श्रीराम के जन्मोत्सव की खुशी में रामनगरी डूब चुकी है। दोपहर में ठीक 12 बजे भगवान सूर्य ने रामलला के ललाट पर तिलक किया। इस मौके का साक्षी बनने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी भक्त पहुंचे। इतना ही नहीं आने वाले श्रद्धालुओं पर ड्रोन के जरिये सरयू के पावन जल की फुहारों की बारिश कराई गई।

हर राम नवमी पर अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सूर्य की किरणें डालने के लिए लेंस और दर्पणों के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है और इसे राम लला के माथे पर सूर्य तिलक के तौर पर लगाया जाता है। अब इसको आसान भाषा में समझने की कोशिश करें तो मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे शीशे पर सूर्य की किरणें गिरीं। यहां से रिफलेक्ट होकर पीतल के पाइप में पहुंची। पाइप में लगे शीशे से टकराकर किरणें 90 डिग्री एंगल में बदल गई। वर्टिकल पीतल के पाइप में लगे तीन लेंसों से किरणें आगे बढ़ते हुए गर्भगृह में लगे शीशे से टकराईं। यहां से 90 डिग्री का एंगल बनाकर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में रामलला के ललाट को सुशोभित किया।

रामनवमी पर करें रामलला का दर्शन

लोगों के लिए किए गए बेहतर इंतजाम

इस आयोजन को और भी ज्यादा खास बनाने के लिए 10 लाख से ज्यादा विद्वान करीब 1 लाख मंत्रों का जाप कर रहे हैं। इतना ही नहीं हर रोज तीन घंटे हवन भी किया जा रहा है। इसकी वजह से पूरा वातावरण मंत्रमुग्ध हो गया है। इस साल अयोध्या प्रशासन ने पूरे दिन में 20 से 30 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई थी। अधिकारियों ने सुरक्षा और भीड़ को मैनेज करने के लिए बेहतर व्यवस्था की थी। मंदिर को फूलों की सजावट, जीवंत रोशनी और उत्सव की भावना से सजाया गया था, जिसकी गूंज पूरे शहर में सुनाई दे रही थी।

अयोध्या में कई जगहों पर एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई हैं। लोगों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए बेहतर व्यवस्था भी की गई है। आने वाले भक्तों को पानी की बोतल दी जा रही है। हनुमानगढ़ी के आसपास अस्थायी टेंट का इंतजाम किया गया है ताकि लोगों को धूप में ना खड़ा होना पड़े। बता दें कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार, राम नवमी चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन अयोध्या में राम लला के जन्म की याद में मनाया जाता है और पूरे भारत में भव्य जुलूस, भक्ति संगीत और मंदिर अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है।