भगवान राम के दर्शन के लिए लाखों भक्त हर रोज धर्म नगरी अयोध्या पहुंच रहे हैं। जहां भक्तों की भारी भीड़ को मैनेज करना प्रशासन के लिए सिर दर्द बना हुआ है। अयोध्या नगर निगम के अधिकारियों ने क्राउड मैनेजमेंट के लिए एक नियम बनाया है लेकिन ये उससे समस्या और बढ़ गई है। दरअसल दर्शन के लिए जाने वाले भक्तों को गेट नंबर 1 पर ही अपना जूता-चप्पल निकालना पड़ता है। जहां हर रोज लाखों की संख्या में एकत्रित हो रहा है। ऐसे में ये जूता-चप्पल प्रशासन के लिए परेशानी खड़ा कर रहा है।

जानकारी के अनुसार मंदिर के मुख्य एंट्री गेट से लाखों भक्त प्रवेश कर रहे हैं। प्रशासन ने भीड़ को ध्यान में रखते हुए भक्तों को गेट नंबर 3 से बाहर निकलने की व्यवस्था की है। ऐसे में दोनों गेट के बीच करीब 5-6 किमी की दूरी है जिसे भक्तों द्वारा तय करनी पड़ रही है। ऐसे में लंबी दूरी की वजह से भक्तों गेट नंबर 3 से एक आने की बजाय नंगे पांव ही चले जा रहे हैं। ऐसे में हर रोज लाखों जूता-चप्पल एकत्रित हो जा रहा है।

महाकुंभ की वजह से आ रही भीड़

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अयोध्या नगर निगम प्रशासन ने गेट नंबर तीन से भक्तों को बाहर निकाला जा रहा है। जबकि श्रद्धालुओं की एंट्री गेट नंबर एक पर हो रही है। इस मामले को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि प्रयागराज में बीते महाकुंभ की वजह से भक्तों की भारी भीड़ अयोध्या पहुंच रही है। प्रशासन ने ये बदलाव पिछले एक महीने से किया है।

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ये नियम अयोध्या में पहुंच रही भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है ताकि क्राउड मैनेज किया जा सके। उन्होंने बताया कि भक्तों को देखते हुए गेट नंबर 3 खेला गया है जबकि आम दिनों में एक से ही एंट्री और एग्जिट दोनों होता है। ऐसे में दोनों गेटों के बीच की दूरी की वजह से भक्त नंगे पैर ही चले जा रहे हैं।