हरियाणा राज्यसभा चुनाव में जीतकर मीडिया घराने के मालिक सुभाष चंद्रा ने सबको चौंका दिया था। चंद्रा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। बीजेपी का सपोर्ट मिलने के बावजूद चुनाव से पहले चंद्रा का पलड़ा हल्का ही था। किसी को उम्मीद नहीं थी वह कांग्रेस द्वारा समर्थिक निर्दलीय उम्मीदवार सीनियर वकील आरके आनंद को हरा देंगे। जीतने के बाद उनपर कई तरह के आरोप लगे। इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बातचीत में उन्होंने कुछ सवालों के जवाब दिए हैं।
चुनाव के वक्त गलत पेन इस्तेमाल के आरोप में चंद्रा ने कहा, ‘मैं सिर्फ एक बात जानता हूं। जब कांग्रेस के MLA वोट डालने के लिए आए थे मुझे लगा मैं हार जाउंगा। ऐसा सोचकर मैं बूथ से बाहर चला गया था। इसके बाद बॉक्स को सील करते वक्त ही मैं आया था। रिज्लट आने पर देखा तो मैं जीत गया था। जिन लोगों की हार हुई है उन्हें रिजल्ट को स्वीकार करना चाहिए और आरोप लगाने बंद करने चाहिए।’ उन्होंने आगे लिखा कि उन्हें आनंद के आरोपों का कोई फर्क नहीं पड़ता।
यह था मामला: चुनाव आयोग के नियमानुसार विधायकों को विधान सभा सचिव की ओर दिए गए स्केच पेन से वोट डालना होता है। बैलेट पेपर को इंडिगो स्याही युक्त एक मिलीमीटर मोटाई वाली निब के पेन से ही मार्क किया जाना चाहिए। किसी अन्य स्याही से मार्क किए गए बैलेट पेपर को खारिज कर दिया जाता है। भाजपा, इंडियन नेशनल लोकदल और आरके आनंद का हुड्डा कैंप पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर अपने बैलेट पेपर खराब किए। हुड्डा कैंप साजिश का आरोप लगा रहा है और उनका दावा है कि जो पेन उन्हें दिया गया उसी का इस्तेमाल उन्होंने किया। कांग्रेस विधायकों के वोट खारिज होने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। जिन कांग्रेस विधायकों के वोट खारिज हुए वे पहले भी राज्य सभा चुनावों में हिस्सा ले चुके हैं। उन्हें नियमों की जानकारी भी थी।