भारतीय जनता पार्टी ने 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए रविवार को अपने 16 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जिसमें राजस्थान से घनश्याम तिवाड़ी का नाम भी शामिल है। जिसके बाद घनश्याम तिवाड़ी ने सोमवार (30 मई) को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा से पांच बार विधायक रहे तिवाड़ी ने 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मतभेद के चलते जून 2018 में भाजपा से त्याग पत्र दे दिया था.
पांच बार रहे विधायक: घनश्याम तिवाड़ी ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत सीकर से की थी। सीकर जिलाध्यक्ष रहने के अलावा 1980 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार विधायक बने थे। 1993 में जयपुर की चौमूं विधानसभा से जीत हासिल कर घनश्याम तिवाड़ी भैरो सिंह शेखावत सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे। इसके बाद 2003 से 2018 तक सांगानेर से विधायक रहकर वसुंधरा सरकार में शिक्षा मंत्री सहित कई अहम पद संभाले।
वसुंधरा राजे से मतभेद के चलते छोड़ी बीजेपी: घनश्याम तिवाड़ी ने 2017 में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मतभेद के चलते जून 2018 में भाजपा से त्यागपत्र दे दिया था। उन्होंने खुले तौर पर मुख्यमंत्री की आलोचना की थी और उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं घनश्याम ने पार्टी आलाकमान से सीएम राजे के खिलाफ शिकायत भी की थी। बाद में पार्टी के नेतृत्व के साथ बढते मतभेद के चलते घनश्याम तिवाड़ी ने भाजपा से त्यागपत्र दे दिया था। उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस भी दिया गया था।
बनाई खुद की पार्टी: घनश्याम तिवाड़ी ने 2018 में अपनी खुद की पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा था। तिवाड़ी ने दिसंबर 2018 में भारत वाहिनी पार्टी’’ बनाकर जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी। चुनाव हारने के बाद 2019 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। 26 मार्च 2019 को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में घनश्याम तिवाड़ी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी।
बीजेपी में घर वापसी: 2020 में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत के बाद घनश्याम तिवाड़ी दोबारा भाजपा में शामिल हो गए और अब पार्टी ने उन्हें राजस्थान से राज्यसभा का टिकट दिया है।