उत्तर प्रदेश से 11 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल जुलाई में खत्म हो रहा है। इन सांसदों में भाजपा के पांच सदस्य, समाजवादी पार्टी के तीन, बसपा के दो और कांग्रेस के एक सांसद हैं। खाली सीटों को भरने के लिए भाजपा ने यूपी से जिन नामों का ऐलान किया है, उसमें एक नाम तेलंगाना के नेता डॉ. के. लक्ष्मण का है। वह भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्हें सोमवार रात अचानक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने फोन कर लखनऊ पहुंचने के लिए कहा। उन्होंने मंगलवार को नामांकन किया।

मंगलवार को नामांकन करने से पहले मीडिया से बात करते हुए डॉ. के. लक्ष्मण ने कहा कि यह उनके लिए बड़ी बात है कि एक सामान्य कार्यकर्ता को राज्यसभा भेजा जा रहा है। इससे पहले वे तेलंगाना में विधायक रह चुके हैं। कहा कि वे पिछले चालीस साल से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, अब उन्हें पार्टी उत्तर प्रदेश और तेलंगाना के साथ देशभर में घूमने और पार्टी के लिए काम करने का अवसर दे रही है। कहा कि यह मोदी सरकार में ही संभव है कि केंद्र में ओबीसी समाज के 27 लोगों और यूपी सरकार में ओबीसी समाज के 22 लोगों को मंत्री बनाया गया है।

भाजपा के राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में लखनऊ में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। निर्वाचित होने के बाद, वह उच्च सदन में जगह बनाने वाले तेलंगाना के पहले भाजपा नेता बन जाएंगे।

सोमवार रात राज्यसभा के लिए प्रस्तावित उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद लक्ष्मण उन चार उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिनमें मध्य प्रदेश से सुमित्रा वाल्मीकि, कर्नाटक से लहर सिंह सिरोया और यूपी से मिथलेश कुमार शामिल हैं।

इस कदम को अगले साल राज्य विधानसभा के आगामी चुनावों के मद्देनजर एक रणनीतिक तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। चूंकि लोकसभा में तेलंगाना के चार सांसदों का प्रतिनिधित्व है, इसलिए डॉ. लक्ष्मण को राज्यसभा के लिए नामित किया जाना सुनिश्चित करेगा कि वह उच्च सदन में तेलंगाना से संबंधित मुद्दों को उठाने में सक्षम होंगे।