राजस्थान बीजेपी के नेता गुलाब चंद कटारिया ने गाहे बगाहे कांग्रेस को बीजेपी पर हमलावर होने का मौका दे दिया है। दरअसल एक कार्यक्रम में गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि रावण ने सीता जी का हरण कर कोई बहुत बड़ा पाप नहीं किया था, क्योंकि उसने सीता को कभी कलंकित नहीं किया। जब तक सीता ने स्वीकृति नहीं दी, तब तक छुआ नहीं।

अशोक गहलोत सरकार के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कटारिया पर हमलावर होते हुए कहा कि उनके अनुसार रावण बहुत सैंद्धांतिक व्यक्ति था। उसने बहुत बड़ा कोई जुर्म नहीं किया। सीता माता का हरण कोई बड़ी बात नहीं थी। ये वक्तव्य ही कटारिया की ओछी मानसिकता दर्शाता है। उनका कहना है कि आदमी का बोलना ही उसका चरित्र और बैकग्राउंड बता देता है। बीजेपी और संघ को सोचना चाहिए।

पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर ने गुलाब चंद कटारिया के बयान के विरोधी उदयपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया और उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की। भिंडर का कहना है कि अब हमें समझ में आने लगा है कि कटारिया हिंदू या मेवाड़ी नहीं हैं, वो श्रीलंका से आए हैं। अब उन्हें वहीं भेज देना चाहिए जिससे वो अपने आदर्श पुरुष रावण से मिल सके। भिंडर ने कहा कि इस मुद्दे पर संघ के साथ भाजपा को भी सोचना होगा।

उधर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने कटारिया को जमकर बातें सुनाईं। अजय सिंह ने लिखा कि बुढ़ापा आ गया है कटारिया जी रहने दीजिये शांति से घर में जाकर बैठे जाइये और राम नाम का भजन कीजिए। क्यों दुसरो की राजनीति खराब करने मे लगे हुए हो। शांत रहिये थोड़ा सा।

एक और यूजर राज वर्मा का कहना था कि रामायण की दो लाइन भी याद है इनको। ये बीजेपी के नेता न तो पढ़े लिखे हैं न इनको धार्मिक ग्रंथो की कोई समझ है। तो फिर ये लोग क्यों बोलते हैं? बिना वजह नेता लोग क्यों बोलते हैं, क्या जरूरत है। बोलना है तो बेरोज़गारी महंगाई पेट्रोल के दाम पर बोलो।