Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में होने वाले हैं।  इससे पहले दोनों अहम राजनीतिक दल सियासी मैदान में उतर चुके हैं। एक तरफ सीएम अशोक गहलोत राजीव गांधी ओलंपिक खेल के तहत जिलेवार दौरे कर रहे हैं वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी गाहे-बगाहे मैदान में दिखाई दे रही हैं। सचिन पायलट पिछले दिनों अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे। जहां उन्होंने पार्टी में एक होकर चुनाव लड़ने की बात को दोहराया। 

फिलहाल यह तीनों राजस्थान की सियासत के प्रमुख चेहरे हैं, एक तरफ चर्चा सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मनमुटाव की रही है तो दूसरी तरफ वसुंधरा राजे का अपनी पार्टी भाजपा के साथ सबकुछ बेहतर नही होने की अटकलें हैं, ऐसी भी चर्चाएं इन दिनों चल रही हैं। चुनाव से ठीक पहले इन तीनों नेताओं का क्या रुख है और हालिया बयानो से क्या मायने निकाले जा रहे हैं। समझते हैं। 

अशोक गहलोत : योजनाओं के सहारे रेगिस्तान का सफर 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलम्पिक खेल जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के तहत राजस्थान के हर जिले में पहुंच कर अपनी योजनाओं का दौरा कर रहे हैं। अशोक गहलोत की पीआर टीम ने राजस्थान भर में यह प्रयास किया है कि उनकी हर योजना को अलग-अलग माध्यम से घरों तक पहुंचाया जाए और चुनाव इस ही मुद्दे पर लड़ा जाए। राजस्थान के विभिन्न जिलों का दौरा कर यह समझने में आसानी होगी। हर तरफ युवाओं में राजीव गांधी ओलंपिक खेल को लेकर क्रेज़ दिखाई देता है। खेल में शामिल होने वाले युवाओं को सरकार की ओर से टीशर्ट दी गई है। जिसे पहने राजस्थान के हर जिले में लोग दिखाई देते हैं। 

इसके अलावा महिलाओं के बीच मोबाइल स्कीम को लेकर काफी चर्चा है। राजस्थान सरकार द्वारा राज्य की महिलाओं को डिजिटलीकरण से जोड़ने के लिए राजस्थान फ्री मोबाइल योजना 2023 की शुरुआत की गई है। इस योजना के माध्यम से राज्य की चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखिया और जन आधार कार्ड धारक महिलाओं को निशुल्क स्मार्टफोन दिए जाएंगे। गहलोत सरकार ने इस तरह की योजनाओं के जरिए आम जनता से कनेक्ट करने का प्रयास किया है। यह दिलचस्प होगा कि चुनाव में जनता इसे किस तरह लेती है। 

वसुंधरा राजे : क्या हैं पार्टी के साथ दिक्कत 

अपनी पार्टी से मनमुटाव की खबरों के बीच अब वसुंधरा राजे ने मैदान में अपनी सक्रियता को बढ़ा दिया है। राजे ने शुक्रवार को राज्य के तीन मंदिरों में जाकर अपनी एक दिवसीय “देव दर्शन यात्रा” का समापन किया। जिससे कई सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। 

वसुंधरा राजे ने अपनी यात्रा भाजपा की निर्धारित चार चरण की राज्यव्यापी जन परिवर्तन यात्रा से ठीक एक दिन पहले की जिसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को सवाई माधोपुर जिले के एक मंदिर से शुरू करने वाले हैं। अटकलें यह लगाई जा रही हैं कि वसुंधरा राजे और भाजपा आलाकमान के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। 

वसुंधरा राजे की बढ़ती सक्रियता सीधा संदेश दे रही है कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में वही अभी पहले नंबर पर हैं। जबकि भाजपा मुख्यमंत्री फेस को लेकर किसी तरह का ऐलान करने के मूड में नहीं है। 

सचिन पायलट : किस भरोसे पर शांत हैं पायलट 

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पांच साल के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कई बार सीएम अशोक गहलोत के साथ मनमुटाव की खबरों को लेकर चर्चा में रहे हैं। हालांकि दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ हुई आखिरी बैठक (जिसमें अशोक गहलोत भी मौजूद थे) के बाद से वह काफी शांत दिखाई दिए हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि आलाकमान ने उनकी शर्तों को लेकर उन्हें कुछ बेहतर आश्वास्न दिया है। वह फिलहाल अपने विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में दौरेकरते दिखाई दे रहे हैं।