राजस्थान में सत्ताधारी भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है। कहा जा रहा है कि राज्य में सीएम राजे के विरोध की लहर है। अब शायद चुनौतियों को देखते हुए उम्मीदवार भी भगवान के सहारे जीत की उम्मीद बांधे हुए हैं। पिछले चुनाव में भाजपा से विधायक रहे घनश्याम तिवारी के मामले में तो यह बात एकदम सटीक बैठती है। जयपुर के संगानेर सीट से विधायक तिवारी ने सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिया है।

बीजेपी से बागी हुए घनश्याम तिवारी सोमवार(12 नवंबर) को दोपहर करीब 1.20 पर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इसके बाद उन्होंने पूरे 13 मिनट इंतजार किया। यह इंतजार शुभ कार्य के लिए किया गया। रिटर्निंग ऑफिसर जगत राजेश्वर के ऑफिस में शुभ काम करने से पहले गायत्री मंत्र का जाप किया। जाप करने के लिए तिवारी भगवान गणेश की तस्वीर के भी दर्शन किए, जो उनके बेटे अखिलेश के मोबाइल में थी। जाप खत्म होने के तुरंत बात उन्होंने नामांकन दाखिल किया।

भाजपा विधायक रहे तिवारी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बड़े प्रतिद्वंदी माने जाते हैं। तिवारी ने हाल ही में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी भारत वाहिनी पार्टी लांच कर दी थी। तिवारी उसी क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जिस पर वह तीन बार (2003, 2008 और 2013 में) जीत दर्ज कर चुके हैं।

नामांकन दाखिल करने के बाद तिवाड़ी बोले कि भारत वाहिनी पार्टी करीब 70 से 80 सीटो पर उम्मीदवार उतारेगी। तिवारी भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष है जबकि उनका बेटा अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष है। 72 वर्षीय घनश्याम तिवारी ने नामांकन दाखिल करने से पहले कहा था कि, वह हमेशा से सबसे पहले नॉमिनेशन फाइल करते आए हैं और इस रिकॉर्ड को कायम रखेंगे।

बता दें कि, तिवारी वसुंधरा सरकार पर जमकर हमला बोल चुके हैं। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में खुलकर भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार के कई बड़े नेताओं की छत्रछाया में प्रदेश सरकार ने राज्य को लूटने का चारागाह बना लिया है। तिवारी ने कहा था कि वह अब इस अघोषित आपातकाल के खिलाफ लड़ेंगे, जिसमें वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा सिविल लाइन के 13 नंबर बंगले को खाली कराने, प्रेस की आर्थिक आजादी और तमाम उन मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे। राज्य की जनता राजे से त्रस्त हो चुकी है।