राजस्थान के एक सरकारी अस्पताल में लापरवाही की हैरान देने वाली घटना सामने आई है। मामला कोटा मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है जहां अस्पताल में बिजली गुल होने से भर्ती करीब 300 से अधिक मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जानकारी मुताबिक अस्पताल के अधिकतर वार्ड में देर शाम करीब 3 घंटे के लिए बिजली गुल हो गई। इनमें इमरजेंसी, आईसीयू, सर्जिकल जैसे वार्ड शामिल थे। भीषण गर्मी में इस दौरान अस्पताल में पंखे, कूलर और एसी भी बंद थे।

बुजुर्ग महिला की हुई मौत: अस्पताल के प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा एक बुजुर्ग महिला को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। बुजुर्ग महिला अस्पताल के एक वार्ड में भर्ती थी। बिजली चली जाने के कारण हार्ट अटैक से पीड़ित महिला की बिगड़ने लगी। आनन-फानन में डॉक्टरों ने टॉर्च की रोशनी में ही महिला को कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (CPR) दिया गया। लेकिन बुजुर्ग महिला की हालत बिगड़ती चली गई और उसे बचाया नहीं जा सका। वही मीडिया रिपोर्ट की माने तो बिजली गुल होने के बाद महिला को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। अस्पताल के पास कोई दूसरा प्रबंध भी नहीं था।

अस्पताल प्रशासन पर लगा लापरवाही का आरोप: मृतक की बेटी मधु ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा, “कोटा अस्पताल में बिजली की कोई व्यवस्था नहीं थी जिसके कारण मेरी मां की मृत्यु हुई है। अस्पताल ने मेरे मां के इलाज में लापरवाही की है।”

अस्पताल में सीनियर डॉक्टर नहीं था मौजूद:बिजली जाने की घटना पर मधु ने अस्पताल की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि लाइट लगभग 3 घंटे के लिए गई थी। इतने बड़े अस्पताल में कोई भी सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं था। अस्पताल में केवल ट्रेनी डॉक्टर थे। जिन्होंने मेरी मां का इलाज किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा, “अस्पताल प्रशासन ने पुलिस बुलाकर हमें डराने की कोशिश की थी लेकिन हम डरे नहीं।”

इलेक्ट्रिक पैनल में आई थी खराबी: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल का इलेक्ट्रिक पैनल खराब हो गया था जिसके कारण अस्पताल की बिजली गुल हो गई थी। आमतौर पर किसी भी अस्पताल में इमरजेंसी के लिए बिजली का 24 घंटे का बैकअप होता है। लेकिन कोटा के बड़े सरकारी अस्पताल में बिजली का बैकअप ना होना प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े करता है।