राजस्थान के एजुकेशन हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा से लगातार सुसाइड के मामले सामने आ रहे है। यहां बीते 8 महीनों में 22 छात्रों ने सुसाइड कर चुके हैं। भारत के विभिन्नि राज्यों से बच्चे कोटा में नीट और आईआईटी की तैयारी करने आते हैं। पढ़ाई के प्रेशर और प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाने की कोशिश जब नाकाम होने लगती है तो छात्र सुसाइड जैसा बड़ा कदम उठाने लगते हैं।
कोटा से सामने आ रहे सुसाइड के मामलों को रोकने के लिए अब प्रशासन एक्टिव हो गया है। शहर में कैसे सुसाइड के मामले रोके जाएं, इसके लिए स्थानीय प्रशासन जागरुकता फैलाने के साथ-साथ कई अन्य उपाय भी कर रहा है। अब कोटा प्रशासन ने शहर के सभी हॉस्टल और पीजी के मालिकों को पंखों में स्प्रिंग डिवाइस लगाने का आदेश दिया है।
जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर सभी हॉस्टल और पीजी मालिकों को जल्द से जल्द सभी पंखे में स्प्रिंग डिवाइस लगाने को कहा है। आदेश नहीं मानने वालों के खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी। यह डिवाइस नहीं लगाने पर हॉस्टल और पीजी को सील भी किया जा सकता है।
जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने आदेश में कहा, “कोटा के कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण और उनके विद्यार्थियों को मानसिक तौर पर संबल व सुरक्षा देने की जरूरत है। विद्यार्थियों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सभी हॉस्टलों और पीजी के हर कमरे में पंखों को लटकाने के लिए स्प्रिंग डिवाइस का उपयोग किया जाए।”
आदेश में कहा गया है कि इस आदेश के पालन में अनियमता पाए जाने पर संबंधित हॉस्टल और पीजी को नियमानुसार सीज करने की कारवाई की जाएगी। जिला प्रशासन की ओर से नियुक्त की गई टीम कोटा के सभी हॉस्टल और पीजी का दौरा कर नियम पालन हो रहा है या नहीं यह सुनिश्चित करेगी।
छात्र ने 15 अगस्त को किया था सुसाइड
जानकारी के मुताबिक, वाल्मीकि जांगिड़ नाम का छात्र कोटा के महावीर नगर इलाके में रहकर इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहा था। प्रतियोगी परीक्षा में असफलता हाथ लगने से वह निराश था इसलिए उसने सुसाइड कर अपनी जान दे दी। अभी तक अगस्त महीने में तीन छात्रों ने सुसाइड कर लिया है। बता दें कि पिछले आठ महीनों में कोटा में 22 छात्रों ने खुदखुशी कर ली है।
कोटा में कितने बच्चे करते है प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी?
कोटा में इस समय तकरीबन 2 लाख से अधिक बच्चे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है। बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रशासन, पुलिस प्रशासन, हेल्पलाइन, कोचिंग संस्थाओं की ओर से काउंसलर, मैसेज सिस्टम के साथ विभिन्न तरह से ध्यान दिया जा रहा हैं।