जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा पिछले दिनों जयपुर के पूर्व राजघराने की संपत्ति होटल राजमहल पैलेस से जुड़ी विवादित भूमि को कथित तौर पर अपने स्वामित्व में बताते हुए भूमि पर बने चार दरवाजों और एक भवन पर ताला लगा दिया। उधर, जयपुर के पूर्व राजपरिवार ने जेडीए की इस कार्यवाही को भेदभाव पूर्ण एवं पूरी तरह से गलत बताते हुए न्यायालय की शरण ली है और कहा है कि जेडीए ने न्यायालय द्वारा पारित डिक्री की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए आपराधिक कृत्य किया है। जेडीए सूत्रों ने बताया कि जेडीए की होटल के नजदीक भूमि पर की गई कार्यवाही विधिसम्मत है। कार्यवाही से एक दिन पहले संबंधित पक्ष के लिए नोटिस भी चस्पा किया गया था जिसका जवाब उनके वकील ने दिया है। उन्होंने कहा कि जेडीए ने गत 24 अगस्त को भूमि पर बने चार दरवाजों और एक भवन पर ताला लगा कर वहां जेडीए की संपत्ति के बोर्ड लगाए थे।
राजघराने के सदस्य नरेंद्र सिंह ने एक बयान में कहा कि जेडीए के अधिकारी राजघराने की 54 बीघा सात बिस्वा जमीन को जबरन हथियाना चाहते हैं। जयपुर पूर्व राजघराने की सदस्य भाजपा विधायक दीया कुमारी के पति नरेंद्र सिंह ने कहा कि जेडीए के आयुक्त, सचिव, उपायुक्त, मुख्य नियंत्रक अधिकारी और अन्य अधिकारियों ने राजपरिवार की संपत्ति में नाजायज ढंग से प्रवेश कर न्यायालय की ओर से पारित डिक्री की अवहेलना कर संपत्ति में तोड़फोड़ की कार्यवाही की और राजमहल आने वाले मुख्य दरवाजे को सील कर दिया। जयपुर की पूर्व राजमाता पद्मिनी देवी ने जारी बयान में कहा कि जयपुर के शाही परिवार ने कभी भी सरकार एवं जेडीए के स्वामित्व वाली किसी भी संपत्ति को अपने कब्जे में नहीं लिया है। स्व सवाई भवानी सिंह की पत्नी पद्मिनी देवी ने कहा हमें कानून पर विश्वास है और अंतत: जीत न्याय की ही होगी। मिलकर लड़ने का वादा
