राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच खटास की खबरें आम है। लेकिन झालावार में एक बार फिर यह नजारा देखने को मिला। सबसे अहम बात यह है कि बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के आदेश के बावजूद दोनों नेताओं के गुटों के बीच खींचातानी चल रही है। बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों नेताओं को निर्देश दिया है कि वे अपने मतभेदों को भुलाकर राजस्थान में एकजुट होकर काम करें, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता मिले।

अक्टूबर 2019 में राज्य भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से सतीश पूनिया पहली बार 29 अप्रैल को झालावाड़ गए। चौमहला रेलवे स्टेशन पर उनका स्वागत किया गया, जहां से वे जिले के उनहेल में पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करने गए थे। लेकिन राजनीतिक हलकों में उस वक्त हलचल मच गई कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार झालावाड़ जिले में एक प्रतिद्वंद्वी गुट से जुड़े पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा पूनिया समर्थकों के एक समूह के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई।

झालावाड़ भाजपा सदस्य और पार्टी की युवा शाखा भाजयुमो के पूर्व जिला महासचिव बद्री पायलट ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “रेलवे स्टेशन पर सतीश पूनिया को रिसीव करने के लिए हमारा 40-50 कारों का काफिला झालावाड़ से चौमहला के लिए रवाना हुआ था। जब हम घांघर तहसील से करीब 1 किमी दूर थे, तो हमें पता चला कि हमारी ही पार्टी के लगभग 150-200 कार्यकर्ता घांघर में एक पेट्रोल पंप के पास इकट्ठे हुए थे और इलाके से गुजरने वाली कारों की जांच कर रहे थे। जब सतीश पूनिया समर्थकों ने उन्हें बताया कि वे उनहेल कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं, तो पहले उन्होंने उन्हें वहां न जाने के लिए मनाने की कोशिश की गई। जब उन्होंने नहीं सुना तो इन पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और कार के शीशे तोड़ दिए गए।”

झालावाड़ भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे का गढ़ है, जो पहली बार 1989 में इसी लोकसभा सीट से सांसद बनी थीं और उसके बाद 1991, 1996, 1998 और 1999 में लगातार चार बार जीती थीं। 2003 में वसुंधरा राजे के राजस्थान सीएम बनने के बाद, उन्होंने अपने बेटे दुष्यंत सिंह के लिए यह सीट खाली कर दी, जो 2004 से लगातार इसे जीत रहे हैं। वसुंधरा राजे झालावाड़ की झालरापाटन विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं, जिसे वह 2003 से जीत रही हैं।

वहीं राजस्थान के झालावाड़ में 29 अप्रैल को हुई घटना के बाद बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “29 अप्रैल को जो कुछ भी हुआ वह भाजपा के लिए अच्छा नहीं था। पार्टी में ऐसी परिस्थितियां कभी नहीं आनी चाहिए क्योंकि ये संगठन के लिए खतरनाक हैं। यह बेहद शर्मनाक है। इस तरह की घटना के बाद कहने के लिए बहुत कुछ नहीं बचा है।”