राजस्थान के जालोर में एक बड़ी घटना हुई है। दरअसल एक शिक्षक ने स्कूल के छात्र को इतना पीटा कि अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। छात्र की मृत्यु के बाद जिले में तनाव उत्पन्न हो गया, जिसकी वजह से प्रशासन ने 24 घंटे के लिए जालोर में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी। घटना को लेकर बीजेपी ने अशोक गहलोत सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है। वहीं सरकार ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात कही है।
दरअसल राजस्थान के जालौर जिले के सुराना गांव में स्थित एक निजी विद्यालय के दलित छात्र ने मटके से पानी पी लिया। इसपर स्कूल का शिक्षक चैल सिंह भड़क गया। इसके बाद उसने छात्र को इतना पीटा कि उसके कान की नस फट गई और छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के प्रयास के बाद छात्र की जान नहीं बच सकी और उसकी मृत्यु हो गई। यह घटना 20 जुलाई की है।
सरकार ने 5 लाख के मुआवजे का किया ऐलान
इस मामले के बाद राजस्थान के दलित संगठनों और विपक्षी दलों ने मिलकर सरकार को घेरने की कोशिश की और सरकार भी डैमेज कंट्रोल में जुट गई। सरकार ने पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। वहीं आरोपी शिक्षक के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और उसकी गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।
पीड़ित परिवार को जल्द मिलेगा न्याय: अशोक गहलोत
घटना को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा, “जालौर के सायला थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मारपीट के कारण छात्र की मृत्यु दुखद है। आरोपी शिक्षक के विरुद्ध हत्या व SC/ST एक्ट की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तारी की जा चुकी है। मामले की जांच एवं दोषी को जल्द सजा हेतु प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है। पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा। मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी।”
घटना को लेकर गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर गहलोत सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “सुराना, जालोर के नौ वर्ष के विद्यार्थी इंद्र मेघवाल की ऐसी क्या गलती थी कि उसे पीटकर गहरे जख्म दिए जिससे उसकी मौत हो गई? इसका जिम्मेदार कौन है? मुख्यमंत्री जी आपके राज में एक वंचित वर्ग का छात्र सुरक्षित नहीं है। पीड़ित परिवार की सहायता कर दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए।”