आयकर विभाग (आईटी) के अधिकारियों ने बुधवार को राजस्थान के गृहराज्य मंत्री राजेंद्र यादव से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार यह छापेमारी मिड डे मील योजना में कथित अनियमितताओं की जांच से जुड़ी है। राजेन्द्र यादव और उनके बेटे मधुर यादव के जयपुर, कोटपुतली और उत्तराखंड में ठिकानों पर छापेमारी हुई है।
वहीं छापेमारी पर राजेंद्र यादव ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “राजनीति में प्रवेश करने से पहले मैं व्यवसाय करता था और मुझसे पहले मेरे पिता इस व्यवसाय को करते थे, जो हमारे पास 70 से अधिक वर्षों से है। हमारी लिमिटेड कंपनी है। अगर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं तो इन कंपनियों की जांच करें, हम जवाब देंगे। ऐसा लगता है कि यह द्वेष के साथ किया जा रहा है।”
राजेन्द्र यादव ने आगे कहा, “यदि कोई संपत्ति खरीदी गई है, तो हमने उसके लिए भुगतान किया है, रजिस्ट्री की है। बेनामी में हमारे पास कुछ भी नहीं है। हमारे पास अपनी कृषि भूमि है। हमारे पास हमारे कारखाने, घर हैं और सब कुछ लिखित में है। मिड डे मील घोटाले के बारे में हमें कुछ भी पता नहीं है। कोटपुतली में हमारा पैकेजिंग का काम है। उत्तराखंड में हमारे पास आटा पिसाई है। हमारे पास मिड डे मील या अन्य किसी चीज की सीधी आपूर्ति नहीं है। लेकिन अगर कोई उस लिंक को बना रहा है, तो हम उसकी मदद नहीं कर सकते।”
राजस्थान के कोटपुतली में यादव परिवार की एक 12-13 साल पुरानी फैक्ट्री है जो सीमेंट, उर्वरक, आटा, पशु चारा आदि के लिए इस्तेमाल होने वाले बैग बनाती है और लगभग 600-700 लोगों को रोजगार देती है।
राजेन्द्र यादव ने कहा, “यह एक बहुत ही व्यवस्थित काम है और उन (बैग) का निर्यात भी किया जाता है। यदि मिड डे मील योजना में अनियमितताएं हैं तो प्राथमिकी दर्ज करें, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है।”
राजेंद्र यादव ने कहा कि जल्द ही सब क्लियर हो जाएगा। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “आईटी विभाग के अधिकारी आज सुबह 8 बजे मेरे परिसर में आए। उन्होंने राजस्थान, उत्तराखंड और गुरुग्राम में मेरे ठिकानों पर भी छापा मारा, जहां मेरे बच्चे और परिवार व्यापार करते हैं। जल्द ही सब कुछ साफ हो जाएगा।”