आपको ये जानकार शायद हैरानी होगी कि राजस्थान के जैसलमेर जिले के एक गांव के ज्यादातर आधार कार्ड धारकों की जन्मतिथि एक जनवरी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पोखरण के पाबुपाड़िया गांव में 250 से ज्यादा लोगों के आधार कार्ड पर उनकी जन्मतिथि एक जनवरी लिखी है। अभी हाल ही में राजस्थान के भीलवाड़ा में एक शख्स को मारे जा चुके अफगान आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के नाम पर आधार कार्ड बनवाने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
माना जा रहा है कि ये गड़बड़ी राजस्थान सरकार द्वारा आधार कार्ड बनवाने के लिए खोले गए “ई-मित्र” सेंटरों की लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ है। राजस्थान सरकार ने आम लोगों के घर तक केंद्र सरकार की सुविधा पहुंचाने के लिए “ई-मित्र” सेंटर खुलवाए थे। टीओआई के अनुसार एक ग्रामीण ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की लेकिन किसी ने अब तक इसका संज्ञान नहीं लिया है।
पोखरण के एसडीओ मूल सिंह राजावत ने टीओआई को बताया कि उन्हें इस बाबत शिकायत मिली है। राजावत ने अखबार को बताया कि आम तौर पर जो लोग आधार फॉर्म में अपनी जन्मतिथि नहीं भरते उनकी जन्म की तारीख अपने आप एक जनवरी हो जाती है। बाद में लोगों की शिकायत के आधार पर जन्मतिथि में बदलाव करवाया जा सकता है।
भारतीय नागरिकों को दिए जाने वाले 12 अंकों वाले पहचान पत्र आधार कार्ड की शुरुआत केंद्र सरकार ने जुलाई 2016 में की थी। आधार कार्ड में दोनों हाथों की अंगुलियों और आंखों की रेटिना की जानकारी भी रहती है। सामाजिक कार्यकर्ता आधार से जुड़ी निजता के दुरुपयोग का मुद्दा उठाते रहे हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने माना था कि लाखों लोगों की आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी लीक हुई थी।
ओसामा बिन लादेन से पहले आधार कार्ड तब भी विवाद में घिरा था जब एक व्यक्ति ने हनुमान जी के नाम का आधार कार्ड बनवा लिया था। 82 अरब रुपये की लागत वाली आधार कार्ड योजना में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2017 तक 110 करोड़ लोगों का पंजीकरण हो चुका है।