राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि अनियंत्रित भ्रष्टाचार, गौमाता के प्रति अनादर से उपजी मनोवृत्ति ने भाजपा सरकार के राज में राजधानी की सरकारी हिंगोनिया गौशाला में सैंकड़ों गायों की मौत का इतिहास लिख दिया है। कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ सोमवार (8 अगस्त) को हिंगोनिया गौशाला का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पायलट ने कहा कि ‘सरकार की अनदेखी जब सार्वजनिक हो गई तब भाजपा सरकार ने पूरी ताकत लगा दी है, परन्तु गायों की मौत का क्रम नहीं रुक रहा है। आज (सोमवार, 8 अगस्त) भी 32 गायों की मौत हुई है, कल (रविवार, 7 अगस्त) को भी 80 से ज्यादा गायों की मृत्यु हुई थी।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में जो गौरक्षकों के संदर्भ में जो बयान दिया, वैसा बयान अगर दो वर्षों पूर्व दे दिया जाता तो भाजपा शासित राज्यों में गौरक्षा के नाम पर दलितों के दमन की अराजक घटनाओं को रोका जा सकता था।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बयान देने से ज्यादा यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने वालों के साथ सख्ती बरती जाए। उन्होंने कहा कि ‘हम जानना चाहते हैं कि हिंगोनिया गौशाला के लिए दिया जा रहा करोड़ों रुपए का चारा-पानी कहॉं गया? भाजपा से जुड़े आरएसएस, बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद गायों की दर्दनाक मौत पर क्यों चुप है?’ उन्होंने कहा कि गाय के नाम व धार्मिक भावनाओं का दोहन कर भाजपा ने सत्ता हासिल की है, परन्तु इनके प्रति अपनी जिम्मेदारी उठाने से परहेज कर रही है।

पायलट ने कहा कि अगर राजस्थान की भाजपा सरकार में हिंगोनिया गौशाला को सुचारू रूप से संचालित करने की क्षमता नहीं है तो प्रदेश कांग्रेस का अग्रिम संगठन सेवादल हिंगोनिया गौशाला की जिम्मेदारी उठाकर वहॉं पर व्याप्त अव्यवस्थाओं को सुधारने हेतु श्रमदान करने के लिए तैयार है। उन्होंने सेवादल के कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि प्रदेश की समस्त सरकारी गौशालाओं का निरीक्षण करें और यदि वहॉं अव्यवस्थाएं व्याप्त हो तो श्रमदान करने के साथ ही चारा व पानी भी उपलब्ध करवाये। उन्होंने कहा कि मात्र दो लोगों को सैंकड़ों गायों की मौत का जिम्मेदार बताकर निलम्बित किया गया है, जो बड़ी लापरवाही पर पर्दा डालने जैसा है। गौमाता कांग्रेस के लिए कभी भी राजनीति का मुद्दा नहीं रही है, हम सिर्फ भाजपा सरकार से गाय की प्रदेशभर में हो रही दुर्दशा के लिए जवाबदेही चाहते हैं।

हाल ही में घोषित स्थानीय निकाय चुनाव नतीजों पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के 21 जिलों में हुए पंचायत समिति एवं स्थानीय निकायों के चुनावों में भाजपा को शिकस्त मिली है, परन्तु आश्चर्य है कि हार स्वीकार करने, कारणों का आंकलन व समीक्षा करने के स्थान पर जैसी प्रतिक्रिया सत्ताधारी पार्टी दे रही है। इससे ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार सत्ता के घमण्ड में चूर होकर सच्चाई को अस्वीकार कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों ने भाजपा के प्रति शहरी व ग्रामीण मतदाता की सोच को जाहिर कर दिया है। चुनावों के परिणाम संतोषजनक है, परन्तु हमें और मेहनत करनी होगी ताकि जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा उतर सकें।