देश-विदेश में प्रसिद्ध धर्मगुरु जय गुरुदेव बाबा के उत्तराधिकारी उमाकांत महाराज ने विचित्र बयान दिया है। ये बयान मॉब लिंचिंग को लेकर है। बाबा ने जयपुर में अपने अनुयायियों को भाषण देते हुए समझाया कि मांसाहार से खून मेें संक्रमण बढ़ रहा है। पशु और पक्षियों का मांस खाने से मानव का खून बदल रहा है। खून बदलने से मानव का रक्त प्रदूषित हो गया है। यही कारण है कि समाज में मानवता दूषित हो गई है। अगर समाज में सदाचार को बढ़ावा देना है तो मांसाहार पर प्रतिबंध लगाना पड़ेगा।
उमाकांत महाराज यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि भीड़ के द्वारा हिंसा करने के मामलों में बढ़ोत्तरी होने का कारण भी यही है। गाय संरक्षण करने के बात करने वाले और विरोध करने वाले दोनों मांसाहारी हैं। अगर इस संबंध में रिसर्च करवाने के बाद गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए तो गौ हत्या और खून—खराबा दोनों ही बंद हो जाएंगे। गौ हत्या करने वालों को प्राण दंड दिया जाना चाहिए।
गौ सेवा के महत्व पर बाबा उमाकांत महाराज का कहना था कि जिस दिन से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाएगा। उसी दिन से देश में सतयुग की किरणें पड़नी शुरू हो जाएंगी। सतयुग का प्रभाव बढ़ने से धरती पर रेप, अत्याचार, कत्ल, चोरी—डकैती जैसी सारी समस्याएं भी खत्म हो जाएंगी। बाबा उमाकांत, जयपुर में अजमेर रोड पर अपने शिष्यों को संबोधित कर रहे हैं। बाबा के कार्यक्रम में देश के अलावा विदेशों से भी भक्तों भी भारी भीड़ आने की संभावना है।
वैसे बता दें कि उमाकांत बाबा का असली नाम उमाकांत तिवारी है। ये इटावा के रहने वाले स्व. तुलसी यादव उर्फ जय गुरुदेव बाबा के तीन प्रमुख शिष्यों में से एक हैं। जय गुरुदेव बाबा के तीन प्रमुख शिष्य थे। जिनके नाम उमाकांत तिवारी, पंकज यादव और रामवृक्ष यादव था। पंकज यादव, बाबा का ड्राइवर भी हुआ करता था। बाबा के निधन के बाद उमाकांत तिवारी ने मध्य प्रदेश के उज्जैन आश्रम पर अधिकार जमा लिया। जबकि पुलिस की मदद से पंकज यादव ने यूपी के मथुरा में बने आश्रम पर कब्जा जमा लिया। रामवृक्ष यादव ने बाद में मथुरा के 300 एकड़ में फैले जवाहर बाग पर कब्जा कर लिया था। इसी कब्जे को हाई कोर्ट के आदेश पर हटाने गए एसपी मथुरा को रामवृक्ष के समर्थकों ने गोली मार दी थी।