देश के कई हिस्सों में लोग आज भी अंधविश्वास में भरोसा करते हैं। कई बार इसके चलते लोग अपने परिजनों को खो देते हैं। ऐसी ही एक घटना राजस्थान से सामने आई है जहां अंधविश्वास के कारण दो महीने के मासूम को अपनी जान गवानी पड़ी है। हिन्दी अखबार दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक लहवाट के फतेहसागर क्षेत्र में दो महीने के एक मासूम बच्चे को करीब 15 दिन से निमोनिया की शिकायत थी। अस्पताल ले जाने के वजाय उसकी मां परिजनों के साथ उसे रिश्तेदार के पास ले गई। रिश्तेदार ने उसपर शैतानी साया बताकर मासूम को चिमटे से दागा, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
मासूम को तेज बुखार आने पर उसकी मां अपने एक रिश्तेदार भोपे के पास ले गई। भोपे ने इसे बच्चे पर शैतानी साया बताया और इसे बच्चे से हटाने के लिए डाम लगाने की बात कही। ऐसा करने के लिए अंधविश्वासी मां राजी हो गई और भोपे ने मासूम की छाती पर 6 जगह गर्म चिमटे से दाग दिया। इसके चलते मासूम की तबीयत बिगड़ गई। जब इस बात की सूचना मासूम के पिता को मिली तो वह बेटे को लहवाट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया। तबीयत ज्यादा खराब होने की वजह से उसे जोधपुर के उम्मेद अस्पताल रेफर किया गया।
उम्मेद अस्पताल में मासूम को चिकित्सा ईकाई में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। तबीयत लगातार बिगड़ रही थी और बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। लेकिन कुछ घंटों के बाद रात करीब 9:30 बजे मासूम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जिसके बाद अस्पताल कर्मचारियों ने इस बारे में लोकल पुलिस को सूचित किया।