राजस्थान कांग्रेस ने अजमेर से शुरू हुई सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा से दूरी बना ली है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह सचिन पायलट की निजी यात्रा है पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होने कहा कि कांग्रेस की यात्रा उसे कहा जाएगा जिसमें पार्टी का चिन्ह होता है और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी नेताओं की तस्वीरें होती हैं।
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार (9 मई) को ऐलान किया था कि वह भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों अजमेर से जयपुर पांच दिवसीय मार्च से निकालेंगे।
पार्टी का फायदा या नुकसान?
इस सवाल के जवाब में प्रदेश प्रमुख डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस यात्रा तब निकाली जाती है जब एआईसीसी या राज्य इकाइयां इसके लिए कोई कार्यक्रम देती हैं। यह उनकी (सचिन पायलट) की निजी यात्रा है, कांग्रेस की संगठन यात्रा नहीं है। यह पूछे जाने पर कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले इससे पार्टी को फायदा होगा या नुकसान, डोटासरा ने कहा कि यह पार्टी नेतृत्व को तय करना है। उन्होंने कहा, “पार्टी आलाकमान को इस पर फैसला लेना है।”
टोंक से कांग्रेस विधायक पायलट ने गुरुवार (11 मई) को अजमेर से अपनी 125 किलोमीटर लंबी ‘जन संघर्ष यात्रा’ की शुरुआत की। मार्च शुरू करने से पहले पायलट ने जयपुर हाईवे पर एक जनसभा को संबोधित किया और कहा कि उनका मार्च किसी के खिलाफ नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ और राज्य के युवाओं के हितों की रक्षा के लिए है।
2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने जुलाई 2020 में अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत भी की थी लेकिन इसमें वह असफल रहे थे।
हाल के हफ्तों में सचिन पायलट ने राज्य सरकार पर पिछली वसुंधरा राजे सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार के मामलों में निष्क्रियता का आरोप लगाया था और पिछले महीने जयपुर में एक दिवसीय धरने पर भी बैठे। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और पायलट की यात्रा गहलोत और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए तैयार है।