राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने अशोक गहलोत सरकार को गिराने के कथित प्रयास के संबंध में दर्ज तीन एफआईआर में से राजद्रोह के आरोपों को वापस ले लिया है। अब मामलों को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में स्थानांतरित कर दिया गया है।

एसओजी की ओर से इस तरह बैकफुट पर आने के बाद अब बीजेपी लगातार सरकार को कोसने और इस मामले में गहलोत सरकार की दुर्भावना को व्यक्त कर रही है। वहीं राजनीति के जानकारी इसे पायलट खेमे की बड़ी राजनैतिक जीत के तौर पर देख रहे हैं। राजस्थान कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट द्वारा भीतर बगावत का बिगुल बजाने के बाद एसओजी ने इन विधायकों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप के तहत मामला दर्ज़ किया लेकिन इसमें सचिन पायलट का नाम नहीं था।

सूत्रों ने बतया कि एसओजी ने राजद्रोह के आरोप इसलिए वापस लिए क्योंकि वह यह मामला एनआईए को नहीं सौंपना चाहते थे। राजस्थान उच्च न्यायालय सरदारशहर के कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही। मंगलवार को, एसओजी ने न्यायमूर्ति सतीश कुमार शर्मा की पीठ को बताया कि वह राजद्रोह के आरोपों को हटा रही है और भंवर लाल के मामले को एसीबी को स्थानांतरित कर रही है।

24 दिन बाद एसओजी की ओर से एफआईआर से राजद्रोह की धारा हटाने के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर हमला बोला। राठौड़ ने कहा कि क्योंकि इस मामले की जांच को अब मनमोहन सिंह सरकार के समय में बनाई गई उच्च स्तरीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंपा जाने के कयास लग रहे हैं। ऐसे में एनआईए की ओर से मामले की निष्पक्ष जांच होने पर सरकार की किरकिरी के डर से एसओजी ने राजद्रोह का केस वापस लिया है। राठौड़ ने कहा कि इस मामले में सभी प्रकरण फर्जी दर्ज कराए गए हैं।