राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर सैनी समाज ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आगरा जयपुर नेशनल हाईवे को जाम किया। सैनी समाज ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर रविवार (12 जून 2022) को प्रदर्शन किया।

आरक्षण की मांग को लेकर भारी संख्या में सैनी समाज के लोग आगरा-बीकानेर हाईवे पर एकत्रित हुए। जहां लोगों ने हाथों में लाठी-डंडे लेकर वाहनों को रोक दिया। हजारों की संख्या में आसपास के सभी जिलों से लोग प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। सैनी समाज के लोग 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। तीन महीने पहले ही समाज ने संबंधित संगठन के नाम से प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर जाम की चेतावनी दी थी, लेकिन ध्यान नहीं देने के कारण रविवार को अचानक प्रदर्शन हुए।

12 प्रतिशत आरक्षण की मांग: ये आंदोलन महात्मा ज्योतिवा राव फूले आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले किया जा रहा है। आंदोलन प्रदेश संयोजक मुरारीलाल सैनी के नेतृत्व में किया जा रहा है। आंदोलनकारियों का कहना है कि राजस्थान में माली, सैनी, कुशवाहा, शाक्य और मौर्य समाज की करीब एक करोड़ जनसंख्या है। लेकिन आरक्षण के अभाव में ये राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति में सबसे पिछड़े हुए हैं।

आंदोलनकारियों ने बताया कि ज़्यादातर लोग छोटे किसान हैं या मजदूरी करते हैं। ज़्यादातर लोगों के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने के कारण वे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में असमर्थ हैं। ऐसे में उन्होंने जनसंख्या के अनुपात और आर्थिक असमानता के आधार पर सरकारी नौकरियों में सैनी समाज को 12 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की है।

11 सूत्रीय मांग:

*सैनी माली,कुशवाहा जातियों को अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण।
*महात्मा फूले कल्याण बोर्ड का गठन।
*महात्मा फुले फाउंडेशन बनाया जाए।
*महात्मा फुले बागवानी विकास बोर्ड का गठन।
*महात्मा फुले दंपति के नाम से विश्वविद्यालयों में शोध केन्द्रों की स्थापना।
*महात्मा फुले जयंती पर अवकाश।
*महात्मा फुले दंपति के नाम से संग्रहालय का निर्माण।
*महात्मा फुले दंपति को भारत रत्न देने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए।
*भारतीय सेना में सैनी रेजिमेंट का गठन।
*सैनी,माली,कुशवाह समाज के लिए अलग एक्ट।
*ठेले लगाने वालों को स्थाई जगह दी जाए।

बड़े आंदोलन की तैयारी: आरक्षण को लेकर राजस्थान में एक बड़े आंदोलन की तैयारी पहले से चल रही है। सैनी समाज ने 12% आरक्षण की मांग को लेकर 12 जून को राजस्थान में चक्का जाम करने का ऐलान पहले ही कर दिया था। भरतपुर में नेताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर गांव-गांव जाकर पीला चावल बांटा था और लोगों को इस आंदोलन में सम्मिलित होने का निमंत्रण दिया था।