राजस्थान में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। बाड़मेर जिले में 10 जुलाई को बाइक सवार तीन लोग सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे। एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई। खून में लथपथ दो शख्स मदद की आस में तड़पते रहे, लेकिन मानवता को ताक पर रखकर राहगीर सेल्फी और वीडियो बनाने में मशगूल रहे। किसी ने भी घायलों को नजदीकी अस्पताल में ले जाने के बारे में नहीं सोचा। आधे घंटे से भी ज्यादा समय के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो घायलों को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्घटना के शिकार दोनों शख्स के प्राण पखेरू रास्ते में ही उड़ गए। पुलिस ने बताया कि यदि घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, परमानंद (27), जेमाराम (30) और चंदाराम (30) दोपहर बाद तकरीबन 2 बजे एक ही बाइक से कहीं जा रहे थे। उसी वक्त बाड़मेर के चौताहन के पास एक स्कूल बस ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी थी। बताया जाता है कि परमानंद की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि गंभीर रूप से घायल जेमाराम और चंदाराम सड़क पर तड़पते रहे। चंदाराम वहां से गुजरने वाले राहगीरों से अस्पताल पहुंचाने की गुहार भी लगाता रहा, लेकिन वे लोग सेल्फी लेने और वीडियो बनाने में मगन रहे।
Barmer: Three people who met with a road accident, succumbed to injuries even as onlookers clicked pictures and selfies instead of helping them. #Rajasthan (10.7.18) pic.twitter.com/h83Ejv0zw0
— ANI (@ANI) July 11, 2018
दो दिन बाद जाना था गुजरात: ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के अनुसार, दर्दनाक सड़क हादसे में मारे गए तीनों शख्स गुजरात की एक सीमेंट फैक्ट्री में लेबर कांट्रैक्टर के तौर पर काम करते थे। वे मजदूरों की तलाश में राजस्थान आए थे। काम पूरा होने पर दो दिन बाद उन्हें गुजरात लौटना था। ‘ब्लूमबर्ग’ की एक रिपोर्ट की मानें तो भारत में सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष 1.50 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि रोड एक्सीडेंट में हर दिन 400 से ज्यादा लोगों की जान जाती है। विकसित देशों की तुलना में यह संख्या कहीं ज्यादा है। अमेरिका में वर्ष 2016 में सड़क दुर्घटना में 40 हजार लोग मारे गए थे। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस गंभीर समस्या से निपटने की भरसक कोशिश की है। केंद्र सरकार ने अगस्त 2016 में संसद में एक विधेयक पेश किया था, जिसमें ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए काफी सख्त दंड का प्रावधान किया गया है। साथ ही वाहन निर्माता कंपनियों के लिए भी सुरक्षा के उपाय बढ़ाने की व्यवस्था की गई है।