Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान में इस बार फिर जबरदस्त बारिश हुई है। इस बारिश की वजह से कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात हैं लेकिन इसी बारिश की वजह से ‘राजस्थान की गंगा’ कही जाने वाली बालोतरा की लूणी नदी में पानी आ गया है। लूणी नदी में पानी आने के चलते यहां लोगों के बीच खुशी का माहौल है। नदी में पानी आने से खुश लोगों ने ढोल नगाड़े बजाकर स्वागत किया, जबकि महिलाओं ने नदी को चुनरी ओढ़ाकर मंगल गीत गाए। इसे पश्चिमी राजस्थान के लोगों के लिए अहम माना जा रहा है।
खास बात यह है कि ये तीसरा साल है कि लूणी नदी में पानी आया है। सूखी पड़ी नदी में पानी आते ही स्थानीय महिलाओं और पुरुषों ने नाचते-गाते हुए खुशी का इजहार किया। लोग ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमते नजर आए, जिसके चलते पूरे इलाके में जश्न देखने का माहौल है। बता दें कि पश्चिमी राजस्थान की जीवनदायिनी और मरूगंगा कही जाने वाली ये लूणी नदी की वजह से किसानों को बड़ी राहत भी मिली है।
महीने भर पहले ही आया लूणी नदी का पानी
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, मानसून की बारिश के असर की वजह से लूणी नदीं में एक बार फिर पानी आ गया है। खास बात यह है कि इस बार लूनी नदी में पिछले सालों के अपेक्षा करीब महीने भर पहले पानी आ गया है। वहीं पानी के तेज बहाव की वजह बांडी नदी में आया उफान भी बताया जा रहा है, जिसके चलते लूणी नदी पूरे प्रवाह के साथ बह रही है।
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किसानों की खुशी के साथ एक दिक्कत भी…
जानकारी के मुताबिक लूणी में भी अब तक 171 मिमी बारिश हो चुकी है। पाली में तेज बारिश हो रही है, और यह लूणी नदी के उफान की अहम वजह है। नदी में पानी इस बार जल्दी आ गया है लेकिन इसको लेकर कुछ किसान नाराज भी हैं क्योंकि आम तौर पर यह नदीं अगस्त में उफान पर होती है लेकिन इस बार जल्दी आने के चलते पानी की कैमिकल फैक्टरियों का पानी भी आ रहा है, जो कि केमिकल युक्त है।
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वैसे तो नदीं के बहाव की वजह से पानी के कुएं रीस्टोर हो जाते हैं, लेकिन जब कैमिकलयुक्त पानी इस नदं के पानी से मिलता है, तो फिर वह फायदे के बजाए नुकसान का सबब भी बन जाता है। इसी लिए इस पानी को स्टोर करने के लिए किसान भी अपने-अपने स्तर पर काम भी कर रहे हैं।
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किसानों बोले- खेतीबाड़ी में होगी आसानी
लूणी नदी में पानी को लेकर किसानों का कहना है कि नदी की वजह से आसपास का जल स्तर में बढ़ोतरी होगी। इससे कुओं में सिंचाई के लिए एक-दो साल तक पर्याप्त मात्रा में पानी होगा और खेतीबाड़ी मभी उपलब्ध रहेगा। इससे उनकी खेतीबाड़ी में सुधार होगा।
लूणी नदी में उफान कब-कब आया?
पिछले 10 सालों के लूणी नदी के आवक के रिकॉर्ड को देखें तो 7 बार लूणी नदीं में पानी आया था। पिछले तीन सालों से लगातार पानी आ रहा है। इससे पहले 2015, 2016, 2017, 2019, 2023 और 2024 में भी पानी आया था। इस साल लगातार तीसरी बार पानी आने से लोगों में उम्मीद जगी है कि अब उन्हें पानी की समस्या से राहत मिलेगी, साथ ही उनकी खेतीबाड़ी में सुधार होगा।
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