Rajasthsn News: राजस्थान के अजमेर जिले में तीन साल पहले करीब 243 करोड़ रुपये की लागत से एक फोर लेन पुल बना था। इसका मकसद था कि शहर के ट्रैफिक के दबाव को कम किया जाए। इस पुल का नाम राम सेतु रखा गया था। ये पुल राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का हिस्सा था लेकिन अब कोर्ट ने इस पुल पर ट्रैफिक क पुरी तरह से बंद करने का आदेश दे दिया है।
गुजरात के वडोदरा में हाल ही में एक पुल बीच से गिर गया था, जिसमें जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ था। इस बीच 3 जुलाई को जब बारिश हुई तो अजमेर का रामसेतु पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। ऐसे में एहतियात के तौर पर कोर्ट ने इस पुल पर ट्रैफिक को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया है।
लोकल लोगों ने लगाई थी याचिका
इस पुल की खराब हालत को लेकर दो स्थानीय निवासियों जितेश धनवानी और मुकेश पुरी ने लोकल कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस याचिका के तहत ही अजमेर कोर्ट के अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश और न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल ने सड़क को बंद करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही नगर निगम आयुक्त और अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ को नोटिस जारी किया है।
स्थानीय याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पक्ष रखने वाले अधिवक्ता विवेक पाराशर ने कहा कि निवासी अब चाहते हैं कि पुल का निरीक्षण कोई तीसरा पक्ष करे। अजमेर कलेक्टर लोक बंधु ने मीडिया को बताया कि हमने सड़क पर यातायात रोक दिया और समस्या की जांच के लिए इंजीनियरों की तीन सदस्यीय टीम गठित की।
2018 में शुरू हुआ था पुल का निर्माण
कलेक्टर ने कहा कि हमने मालवीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग संस्थान की टीम को भी पत्र लिखा है और वे तकनीकी जांच करके अपनी रिपोर्ट देंगे। गौरतलब है कि पुल का निर्माण जुलाई 2018 में शुरू हुआ था और इसकी प्रारंभिक समय सीमा जुलाई 2020 थी, हालांकि इसे अंततः बढ़ा दिया गया। पुल का उद्घाटन अंततः मई 2023 में होगा।
एक महीने पहले ही संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता वाली एक समिति ने पुल के लिए ‘राम सेतु’ नाम को मंज़ूरी दी थी। इस बीच, सड़क बंद होने से अजमेर के कचहरी रोड, आगरा गेट-फाउंटेन और मार्टिंडेल ब्रिज पर यातायात बढ़ गया है।
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