Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को जयपुर से हिंडौन जा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने बाइक सवार दो युवकों को बिना हेलमेट लगाए जाते देखा। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी गाड़ी को रोका और उनसे पूछा कि आप लोगों ने हेलमेट क्यों नहीं लगाया, आपका हेलमेट कहां है? अपना ध्यान रखो। सोशल मीडिया पर अब अशोक गहलोत का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

बता दें, सितंबर, 2024 में टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, जयपुर शहर के एक एनजीओ के किए गए सर्वेक्षण में पाया गया था कि शहर में 60% से 70% सवार या तो पूरी तरह से हेलमेट नहीं पहनते हैं या फिर सुबह 9 से 11 बजे के बीच पीक ट्रैफिक घंटों के दौरान महत्वपूर्ण और भारी भीड़भाड़ वाले जंक्शनों पर भी घटिया हेलमेट पहनते हैं। राजस्थान पुलिस के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, हेलमेट न पहनने के कारण 2023 में राज्य में 3,742 सवारों की मौत दर्ज की गई।

ये मौतें उस साल राजस्थान में हुई कुल मौतों का 32% थीं। 2023 में दोपहिया वाहनों से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं में कुल 5,340 लोगों की जान चली गई।

एनजीओ मुस्कान द्वारा छह महीने की अवधि में किए गए सर्वेक्षण में जयपुर के तीन मुख्य चौराहों- टोंक रोड पर रामबाग सर्किल, जेएलएन मार्ग पर जेडीए सर्किल और महल रोड पर एनआरआई सर्किल क्रॉसिंग पर ध्यान केंद्रित किया गया।

मुस्कान में परियोजनाओं और प्रशिक्षण की निदेशक नेहा खुल्लर ने कहा था कि यह सर्वेक्षण 2023 में राजस्थान में बिना हेलमेट के सवारों की वजह से होने वाली मौतों की चिंताजनक संख्या को देखते हुए किया गया था। खुल्लर ने कहा था कि इन तीन महत्वपूर्ण स्थानों पर इस सर्वेक्षण को आयोजित करने के पीछे उद्देश्य जयपुर के सबसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रवर्तन के स्तर को मापना था। यदि इन प्रमुख चौराहों पर प्रवर्तन इतना ढीला है, तो शहर के बाहरी इलाकों, राजमार्गों और बाईपास सड़कों पर स्थिति की भयावहता की कल्पना की जा सकती है।

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उन्होंने कहा कि पिछले सर्वेक्षणों ने पिछले 12 से 18 महीनों में जयपुर में प्रवर्तन स्तरों में गिरावट का संकेत दिया है। खुल्लर ने बताया था कि हमने इन निष्कर्षों को जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के यातायात नियंत्रण बोर्ड को सूचित कर दिया है। दुर्भाग्य से, शहर की पुलिस और अन्य नागरिक निकाय सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की रणनीति तैयार करने की तुलना में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए बुनियादी ढाँचे के विकास में अधिक व्यस्त हैं।

हालांकि, ट्रैफ़िक अधिकारियों ने इन दावों का खंडन किया था और शहर के प्रमुख चौराहों पर बिना हेलमेट के सवारों से जुड़े ट्रैफ़िक उल्लंघन के इतने अधिक को अविश्वसनीय बताया। डीसीपी (ट्रैफ़िक) प्रीति चंद्रा ने तब बताया था कि हमने जयपुर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने के लिए अपने अभय कमांड सेंटर के विस्तार और दुर्घटना अनुसंधान प्रकोष्ठ की स्थापना सहित विभिन्न उपायों को लागू किया है। हमारे ऑन-ड्यूटी अधिकारी बिना हेलमेट या घटिया हेलमेट का उपयोग करने वाले सवारों के खिलाफ़ लगन से काम करते हैं।