जयपुर हेरिटेज नगर निगम की कार्यवाहक महापौर कुसुम यादव को बनाया गया है। यह फैसला महापौर मुनेश गुर्जर पर रिश्वत का मामला सामने आने और उन्हें निलंबित किए जाने के एक दिन बाद सामने आया है। स्थानीय स्वशासन विभाग के आदेश के मुताबिक कुसुम यादव का कार्यकाल दो महीने का होगा। कार्यवाहक महापौर बनने के बाद कुसुम यादव ने पत्रकारों से कहा, “भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करना और हेरिटेज नगर निगम को साफ-सुथरा बनाना मेरी प्राथमिकता होगी।”
बीजेपी से की थी बगावत
चुनाव के दौरान भाजपा ने कुसुम यादव को टिकट देने से मना कर दिया था जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और पार्षद बन गई थीं। हालांकि चुनाव जीतने के बाद कुसुम यादव ने भाजपा का समर्थन कर दिया था।
राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को सोमवार को निलंबित कर दिया था और उनके खिलाफ न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
पिछले साल 4 अगस्त को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मुनेश गुर्जर के घर पर छापा मारा था, जहां उनके पति सुशील गुर्जर और दो दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को 2 लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था। छापे में गुर्जर के घर से लीज से जुड़ी फाइलें और 41 लाख रुपये नकद और दलाल नारायण सिंह के घर से 8.95 लाख रुपये बरामद हुए थे। जांच में मेयर गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हुई थी। छापेमारी के एक दिन बाद तत्कालीन कांग्रेस पार्षद मुनेश गुर्जर को पूर्व कांग्रेस सरकार ने मेयर पद से निलंबित कर दिया था। हालांकि, उन्होंने निलंबन आदेश को दो बार चुनौती दी और उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिली।
एसीबी ने अपनी जांच के दौरान मुनेश गुर्जर की भ्रष्टाचार में शामिल होने की पुष्टि की थी, जिसके बाद ब्यूरो ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी। मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति कुछ दिन पहले ही भाजपा सरकार ने दी थी। जयपुर हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस का बहुमत है।
इनपुट : भाषा