राजस्थान के गांधी नगर के बाड़मेर की रहने वाली एक महिला ने सास और बहू के रिश्ते का नया स्वर्णिम अध्याय लिखा है। सास ने बहू को अपनी किडनी दान देकर बचा लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 60 वर्षीय गनी देवी ने अपनी 34 वर्षीय बहू सोनिका को किडनी दान दी। सास ने ऐसे वक्त अपनी बहू की मदद की जब उसके खुद के घरवालों ने मदद करने से पल्ला झाड़ लिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनिका की दोनों किडनी खराब हो गई थीं और पिछले एक साल से वह दवाइयों पर जिंदा थी। सोनिका ने जब दिल्ली के अपोलो अस्पताल में जांच कराई तो डॉक्टरों ने बताया कि उसकी दोनों किडनी खराब हो गईं। डॉक्टरों ने कहा कि सोनिका को बचाने के दो ही तरीके हैं। पहला यह कि उसे डायलिसिस पर रखा जाए और दूसरा यह कि उसका किडनी ट्रांसप्लांट किया जाए। चूंकि लंबे समय तक के लिए डायलिसिस संभव नहीं थी इसलिए किडनी ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प बचा।
सबसे पहले सोनिका की मां बनवारी देवी से किडनी के लिए संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया। उनके बाद सोनिका के पिता और भाई ने भी जब किडनी देने से मना कर दिया तो उसकी सास गनी देवी किडनी दान करने के लिए सहमत हो गईं और उन्होंने बहू को अपनी बेटी बताया। बीते 13 दिसबंर को दिल्ली में सोनिका का सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया गया और अब वह स्वस्थ्य हैं। सोनिका की दो बेटियां हैं और वे दोनों मां को स्वस्थ्य होता देख खुश हैं। सोनिका कहना है कि वह अपनी सास की बेहद आभारी है क्योंकि उन्होंने उसे नया जीवन दिया है।
बता दें कि सास और बहू को लेकर अक्सर तनातनी और संघर्ष की खबरें मीडिया में आती हैं। समाज में इस रिश्ते को लेकर आज भी लोगों में बहुत सकारात्मक सोच नजर नहीं आती है। सास बहू के रिश्तों को लेकर टीवी पर धारावाहिकों की भी कमी नहीं है। ऐसे में राजस्थान का यह मामला दुनिया की तमाम सासों और बहुओं के लिए लिए रिश्ते को अपनेपन और सौहर्द से सींचने का एक शानदार उदाहरण है।