Rajasthan: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे में फिर से रार सामने आने लगी है। दरअसल 12 सितंबर, सोमवार को राजस्थान के पुष्कर में गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री अशोक चांदना पर जूते फेंकने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। चांदना का आरोप है कि इस तरह की हरकत सचिन पायलट के लोगों ने की है।
दरअसल अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में अशोक गहलोत ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर और उद्योग राज्य मंत्री शकुंतला रावत को भेजा था। इन नेताओं को भेजने के साथ ही गहलोत ने यह उम्मीद जताई थी कि लोगों में संदेश जाएगा कि सरकार और कांग्रेस गुर्जरों के साथ है। हालांकि वहां जूता फेंके जाने की घटना से गहलोत का दांव उल्टा पड़ गया।
बता दें कि खेल और युवा मामलों के मंत्री अशोक चांदना ने कार्यक्रम के दौरान जब अपना संबोधन शुरू किया तो लोगों ने उनका विरोध किया और जूते-चप्पल दिखाना शुरू कर दिया। इसके बाद भी जब चांदना अपनी बात रखते रहे तो लोगों ने सामने से जूते और खाली पानी की बोतलें फेंकनी शुरू कर दी।
दरअसल चांदना को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक संदेश पढ़ना था लेकिन भारी विरोध और सचिन पायलट जिंदाबाद के नारों के बीच उन्हें अपना संबोधन बीच में ही रोकना पड़ा। वहीं चांदना से पहले गहलोत सरकार में उद्योग राज्य मंत्री शकुंतला रावत को भी विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन वह अपना भाषण पूरा करने में सफल रहीं।
बता दें कि चांदना और रावत दोनों गुर्जर समुदाय से आते हैं। इस कार्यक्रम में गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी उपस्थित थे। बता दें कि गुर्जर समुदाय में पायलट की अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में माना जा रहा है कि अशोक चांदना को पूर्व डिप्टी सीएम पायलट का मुकाबला करने के लिए एक गुर्जर नेता के रूप में पेश किया जा रहा है। लेकिन यह कदम कांग्रेस और गहलोत के लिए उल्टे दांव जैसा हुआ है।
सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए चांदना ने कहा कि जूते फेंकने वाले लोग उनके ही लोग थे। सभा में ये लोग हुड़दंग कर रहे थे, जूते तक फेंक रहे थे। इससे साफ पता लगता है कि कौन यह षड्यंत्र रच रहा था।