राजस्थान की एक ग्राम पंचायत ने बहुओं, लड़कियों के कैमरे वाले मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई है। राजस्थान में जालोर जिले की एक ग्राम पंचायत ने 26 जनवरी 2025 से 15 गांवों की बहुओं और लड़कियों के कैमरा वाले मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा, सार्वजनिक समारोहों या पड़ोसी के घर मोबाइल फोन ले जाना भी प्रतिबंधित होगा। उन्हें केवल कीपैड वाले फोन का उपयोग करने की अनुमति होगी।
यह निर्णय जालोर जिले के गाजीपुर गांव में रविवार को चौधरी समुदाय की एक बैठक के दौरान लिया गया, जिसकी अध्यक्षता 14 पट्टियों (उप-मंडलों) के अध्यक्ष सुजनाराम चौधरी ने की। चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पंच हिम्मतराम ने इस फैसले की घोषणा की। हिम्मतराम के अनुसार, पंच सदस्यों और समुदाय के सदस्यों के बीच चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि बहुएं और लड़कियां केवल कीपैड वाले फोन का उपयोग करेंगी। चौधरी ने बताया कि स्कूल जाने वाली लड़कियां, जिन्हें पढ़ाई के लिए मोबाइल फोन की आवश्यकता है, उनका उपयोग केवल घर पर ही कर सकती हैं।
स्कूली लड़कियों को शादियों, सामाजिक कार्यक्रमों में भी मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं
चौधरी ने कहा कि स्कूली लड़कियों को शादियों, सामाजिक कार्यक्रमों या यहां तक कि पड़ोसी के घर भी मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। पंचायत के फैसले के विरोध के जवाब में चौधरी ने स्पष्ट किया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है कि बच्चे अक्सर घरों में महिलाओं के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं जिससे उनकी आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि कुछ महिलाएं बच्चों का ध्यान भटकाने के लिए उन्हें मोबाइल फोन दे देती हैं ताकि वे अपने दैनिक कार्य कर सकें।
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पांचवीं कक्षा की छात्रा ने स्कूल बस में न बैठाये जाने पर वाहन के आगे धरना दिया
वहीं, मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक निजी स्कूल की पांचवीं कक्षा की छात्रा ने स्कूल बस में न बैठाये जाने पर वाहन के आगे धरना दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि छात्रा के अभिभावकों ने स्कूल परिवहन की बकाया राशि कथित तौर पर जमा नहीं की थी, जिस कारण उसे बस में नहीं बैठने दिया गया। पुलिस के मुताबिक, छात्रा करीब तीन घंटे तक बस के सामने बैठी रही, जिसे बाद में पुलिस ने समझा बुझाकर उठाया।
पुलिस ने बताया कि यह घटना चिचोली ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम चूनाहजूरी में गत शनिवार की है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है। चिचोली थाना प्रभारी हरिओम पटेल ने बताया कि उन्हें जैसे ही स्कूल बस के सामने बच्ची के धरना देने की सूचना मिली, वह स्वयं मौके पर पहुंचे। पटेल ने बताया कि उन्होंने बच्ची के माता-पिता को कहा था कि अगर वे गरीब हैं तो वह उनकी फीस जमा करने को तैयार हैं लेकिन इस तरह से बाकी के बच्चों को स्कूल जाने से नहीं रोका जा सकता। उन्होंने बताया, “मेरे समझाने के बाद बच्ची को उन्होंने बस के सामने से उठवाया और बस को रवाना किया।
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(भाषा के इनपुट के साथ)
