कांग्रेस ने ‘भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ’ शनिवार को राज्य के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस ये धरने-प्रदर्शन ऐसे समय में कर रही है, जबकि राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है। पार्टी के सारे विधायक व मंत्री हालांकि जयपुर के पास एक होटल में रुके हुए हैं इसलिए इन धरना-प्रदर्शनों की अगुवाई बाकी नेता कर रहे हैं।

राजधानी जयपुर के साथ साथ जोधपुर व बीकानेर सहित अन्य जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना-प्रदर्शन किये जा रहे हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को कहा था कि भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ कल सुबह 11 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन किए जाएंगे और धरना दिया जाएगा।

राज्यपाल ने पूछा- विधानसभा का सत्र क्यों बुलाएं? कांग्रेस का भाजपा के खिलाफ विशाल धरना प्रदर्शन

इससे पहले, सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने के लिए नया प्रस्ताव पेश करने के लिए थोड़ा वक्त मांगा है। बता दें कि राज्यपाल विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुला रहे हैं और उन्होंने कुछ आपत्तियां सीएम के सामने एक चिट्ठी के रूप में रखी हैं। जिसके बाद सीएम ने नए प्रस्ताव के लिए थोड़ा वक्त मांगा है।

राजस्थान में जारी सियासी लड़ाई के बीच कानून के जानकारों का कहना है कि राज्यपाल को कैबिनेट की सलाह पर काम करना होता है। ऐसे में यदि कैबिनेट मांग करती है तो राज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाना होगा। संविधान के नियमों के अनुसार, राज्यपाल कैबिनेट की सलाह मानने के लिए बाध्य हैं।

Live Blog

15:53 (IST)25 Jul 2020
राज्यपाल से आज फिर मुलाकात करेंगे सीएम

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत आज शाम में फिर से राज्यपाल कलराज मिश्र से राजभवन में मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में गहलोत विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर चर्चा कर सकते हैं। 

15:04 (IST)25 Jul 2020
राजस्थान विधानसभा के आंकड़ों पर नजर डालें तो टक्कर काफी करीबी

राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं। एक विधायक बीमार हैं। ऐसे में सदन में अभी 199 सदस्य हैं। जिसके बाद राजस्थान में बहुमत का आंकड़ा 100 है। गहलोत कैंप की बात करें तो उनके पास कांग्रेस के 87, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2, निर्दलीय के 10 और सीपीएम के एक विधायक का समर्थन है। एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पायलट कैंप के पास 19 बागी विधायकों और 3 निर्दलीय का समर्थन बताया जा रहा है। विपक्षी पार्टी भाजपा के पास 72 और आरएलपी के 3 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में यदि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक भाजपा के खेमे में जाते हैं तो उनके पास 97 विधायकों का समर्थन होगा। ऐसे में राज्य में स्थिति काफी कांटेदार बन सकती है। यही कारण है कि गहलोत फ्लोर टेस्ट कराकर अपने आप को सुरक्षित करना चाहते हैं।

14:46 (IST)25 Jul 2020
राज्यपाल ने सीएम को चिट्ठी लिखकर जतायी ये आपत्तियां

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर कहा है कि मैं विधानसभा सत्र के बारे में एक्सपर्ट्स से चर्चा करूं, इससे पहले आपने सार्वजनिक तौर पर कहा कि जनता राजभवन का घेराव करेगी तब आपकी जिम्मेदारी नहीं होगी। अगर आप और आपका गृह विभाग राज्यपाल की सुरक्षा नहीं कर सकता, तब राज्य में कैसी कानून व्यवस्था? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए कौन सी सुरक्षा के लिए संपर्क किया जाएगा? मैंने इस तरह के बयान किसी भी सीएम से नहीं सुने हैं। यह गलत ट्रेंड की शुरुआत तो नहीं है, जिसकी शुरुआत आज राजभवन पर धरनारत विधायकों के प्रदर्शन से तो नहीं हुई?

13:28 (IST)25 Jul 2020
केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने साधा सीएम पर निशाना

वहीं केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मौजूदा हालात पर ट्वीट कर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। शेखावत ने ट्वीट कर लिखा कि जहां राज्यपाल को स्वयं मुख्यमंत्री धमका कर असुरक्षित महसूस करवाए, वहां चोरी, डकैती, बलात्कार, हत्या और हिंसक झड़पों से त्रस्त राजस्थान वासियों को मुख्यमंत्री के आगे अपनी सुरक्षा की गुहार लगाना बेकार है।

12:32 (IST)25 Jul 2020
आयकर विभाग ने फर्म पर की थी छापेमारी, एडीजी की पत्नी हैं निदेशक

आयकर विभाग ने बीते दिनों मयंक शर्मा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमारी की थी। बता दें कि इस फर्म में एडीजी (निजी) अनिल पालीवाल की पत्नी सारिका अनिल पालीवाल निदेशक हैं। अनिल पालीवाल 3 जुलाई तक करीब एक साल तक एडीजी (एटीएस और एसओजी) रहे थे। इसके बाद इन्हें एडीजी (निजी) के पद पर शिफ्ट कर दिया गया था। बता दें कि कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी ने अनिल पालीवाल के कार्यकाल के दौरान ही विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के मामले में शिकायत दर्ज करायी थी।

11:12 (IST)25 Jul 2020
विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर क्यों अड़े हैं सीएम गहलोत?

राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच सीएम अशोक गहलोत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर अड़े हैं। शुक्रवार की देर रात सीएम ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कैबिनेट मीटिंग बुलायी। सीएम चाहते हैं कि सोमवार को ही विधानसभा का सत्र आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं। दरअसल यदि सीएम की मांग मान ली जाती है तो गहलोत सरकार को मौजूदा संकट में अहम बढ़त मिल सकती है। साथ ही सचिन पायलट गुट की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

11:11 (IST)25 Jul 2020
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी को याद दिलाई इमरजेंसी

राहुल गांधी ने राजस्थान में जारी विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अब उसके जवाब में राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने पलटवार करते हुए कहा है कि राहुल गांधी को इमरजेंसी की बातें याद करने के साथ ही संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस द्वारा 91 बार राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के इतिहास की भी याद दिलायी।

10:19 (IST)25 Jul 2020
एंटी करप्शन ब्यूरो ने कांग्रेस विधायक को भेजा नोटिस

एंटी करप्शन ब्यूरो ने कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह और भंवर लाल शर्मा को विधायकों की कथित खरीद फरोख्त के मामले में नोटिस थमाया है। वहीं, SOG ने तनवीर सिंह, बलवंत सिंह, दिग्विजय राज सिंह और करणी सिंह को नोटिस भेजा है।

09:52 (IST)25 Jul 2020
कांग्रेस का भाजपा के खिलाफ धरना प्रदर्शन आज

कांग्रेस पार्टी भाजपा पर राजस्थान में साजिश रचने का आरोप लगा रही है। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने आज राजस्थान में भाजपा के खिलाफ विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित करने का फैसला किया है। इसके तहत कांग्रेस राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर भाजपा के खिलाफ धरना प्रदर्शन होगा। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने 'लोकतंत्र के खिलाफ साजिश और उसकी हत्या' की है।

09:01 (IST)25 Jul 2020
सीएम को इतना अधीर नहीं होना चाहिए - बीजेपी

राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा है कि सीएम गहलोत को विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए इतना अधीर नहीं होना चाहिए। पुनिया ने कहा कि मैं यह मानता हूं कि इन सारी परिस्थितियों में कानूनी दायरे, संवैधानिक दायरे में रहते हुए धैर्य के साथ मुकाबला करना चाहिए।

08:13 (IST)25 Jul 2020
सीएम गहलोत का आरोप- ऊपर के दबाव से सत्र नहीं बुला रहे राज्यपाल

सीएम अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि सरकार के आग्रह के बावजूद ऊपर के दबाव के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। गहलोत का दावा है कि उनके पास बहुमत है और विधानसभा में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। 

07:23 (IST)25 Jul 2020
राज्यपाल बोले- सीएम ने विधानसभा सत्र के लिए कोई एजेंडा नहीं बताया

राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि वह संविधान के अनुसार काम करेंगे। मिश्र ने कहा कि सत्र बुलाए जाने के लिए 21 दिन के नोटिस की जरुरत होती है। राज्यपाल ने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोई भी महत्वपूर्ण कारण और एजेंडा नहीं बताया है, जिसके लिए विधानसभा का आपात सत्र बुलाया जाए।

06:35 (IST)25 Jul 2020
राज्यपाल का संविधान के अनुच्छेद 174 के अनुरूप ही कदम उठाने का आश्वासन

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी विधायकों को आश्वासन दिया है कि वह संविधान के अनुच्छेद 174 के अनुरूप ही कदम उठाएंगे। उक्त अनुच्छेद राज्य विधानसभा का सत्र आहूत करने में राज्यपाल की भूमिका से जुड़ा है।

06:23 (IST)25 Jul 2020
राज्यपाल ने कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा: सुरजेवाला

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राज्यपाल ने इस बारे में फैसला करने से पहले कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। राजभवन की ओर से छह बिदुओं के साथ पत्रावली राज्य सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय को भिजवाई गयी है। इन बिंदुओं पर विचार के लिए गहलोत कैबिनेट की बैठक शुक्रवार रात मुख्यमंत्री निवास पर हो रही है।

05:01 (IST)25 Jul 2020
राज्यपाल के आश्वासन के बाद राजभवन में जारी कांग्रेस विधायकों का धरना समाप्त

विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर राजभवन में धरने पर बैठे कांग्रेस और उसका समर्थन कर रहे दलों के विधायकों ने राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से आश्वासन मिलने के बाद अपना करीब पांच घंटे लंबा धरना समाप्त कर दिया। मिश्र ने कहा कि सत्र आहूत करने के संबंध में वह बिना किसी दबाव और द्वेष के संविधान का पालन करेंगे।

03:57 (IST)25 Jul 2020
मुख्यमंत्री गहलोत त्यागपत्र दें: बेनीवाल

राजस्थान में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के त्यागपत्र की मांग की। बेनीवाल ने ट्वीट किया है, ‘‘मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा आज राजभवन पर उँगली उठाई गई जो पूर्ण रूप से अनुचित और अलोकतांत्रिक है। मुख्यमंत्री को नैतिकता के नाते स्वयं आगे आकर त्यागपत्र दे देना चाहिए।’’

22:38 (IST)24 Jul 2020
क्या बोली राजस्थान बीजेपी?

उधर, राजस्थान भाजपा ने शुक्रवार को मांग की है कि केंद्र को राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तैनात करे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि केंद्र को राज्य में सीआरपीएफ तैनात करनी चाहिए। कटारिया ने कहा,' मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जनता आकर राजभवन को घेर लेगी। मैं केंद्र से आग्रह करता हूं कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ तैनान की जाए।' कटारिया के अनुसार इसके लिए राजस्थान पुलिस पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।

22:36 (IST)24 Jul 2020
संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं : राज्यपाल मिश्र

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है और किसी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए। राजभवन की ओर से राज्यपाल मिश्र का यह बयान शुक्रवार की रात को जारी किया गया। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और उसके समर्थक विधायक विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार की दोपहर राज्यपाल से मिले और राजभवन में धरने पर भी बैठे। राज्यपाल के बयान को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है।

22:11 (IST)24 Jul 2020
हम 200 विधायकों की कोरोना जांच कराने को राजीः स्वास्थ्य मंत्री

सूबे के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स (राज्यपाल ने कहा है कि कोरोना के कारण विधानसभा सत्र नहीं हो सकता है) सही हैं तब हम 200 विधायकों की कोरोना जांच कराने को राजी हैं। इससे पहले, हाई कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोपहर को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। सीएम की ओर से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की जा रही है।

राजस्थान सरकार के एक मंत्री का कहना है कि कैबिनेट ने प्रस्ताव पास कर दिया है, तो राज्यपाल को विधानसभा का सत्र बुलाना ही होगा। केंद्र सरकार लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है। सभी विधायक अब राजभवन पहुंच गए हैं। कांग्रेस नेताओं की ओर से कहा गया है कि कोई भी विधायक कोरोना पॉजिटिव नहीं है, इससे पहले राज्यसभा चुनाव में कोविड पॉजिटिव विधायकों ने वोट दिया था।

21:48 (IST)24 Jul 2020
राज्यपाल कैबिनेट की सलाह मानने के लिए बाध्य : कानून विशेषज्ञ

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के पास मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट की विधानसभा सत्र आयोजित करने की अनुशंसा स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यह बात शुक्रवार को कानून विशेषज्ञों ने कही। राज्यपाल की शक्तियां और कर्तव्य पर संविधान में वर्णित तथ्यों का हवाला देते हुए उनका विचार था कि राज्यपाल कैबिनेट की सलाह मानने के लिए बाध्य है। राज्य में जारी राजनीतिक नौटंकी के बीच गहलोत ने मिश्रा पर शुक्रवार को आरोप लगाया कि विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर वह दबाव में हैं। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्यपाल से सत्र बुलाने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने अभी तक आदेश जारी नहीं किया है। गहलोत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों की चुनौती का सामना कर रहे हैं जिसमें बर्खास्त उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी शामिल हैं।

21:05 (IST)24 Jul 2020
जादूगर गहलोत इस राजनीतिक तूफान से भी निकल जायेंगे : गहलोत के पुराने मित्र जादूगर निगम

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुराने मित्र जादूगर एस के निगम का मानना है कि गहलोत का पहला प्यार जादू है, और निश्चित रूप से उनके पास कुछ ऐसी आश्चर्यजनक चालें जरूर होंगी जिनसे वह अपनी सरकार पर मंडराते खतरे को दूर कर सकते हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत फिलहाल अपनी ही पार्टी के नेता सचिन पायलट के साथ अंतर्कलह में उलझे हुए हैं। कम ही लोग जानते होंगे कि गहलोत कभी अपने पिता प्रसिद्ध जादूगर लक्ष्मण सिंह गहलोत के साथ जादू के मंच पर सहयोग किया करते थे। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के रहने वाले 73 वर्षीय निगम ने कहा, ‘‘मैंने अशोक गहलोत को जादू के कुछ गुर सिखाए और बदले में उनसे कुछ शानदार गुर और तरकीबें सीखी हैं। मुझे उम्मीद है कि वह इस राजनीतिक तूफान से बाहर निकल जायेंगे।’’

20:37 (IST)24 Jul 2020
राज्यपाल के आश्वासन के बाद कांग्रेस विधायकों का धरना समाप्त

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के आश्वासन के बाद कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों का राजभवन में धरना शुक्रवार की रात समाप्त हो गया। ये विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने के लिए राज्यपाल से मिलने गए थे और उसके बाद वहां धरने पर बैठ गए। राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों को आश्वस्त किया है कि वह इस मामले में बिना किसी दबाव और द्वेष के संविधान का अनुपालन करेंगे। राज्य के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि राज्यपाल मिश्र ने विधानसभा सत्र को लेकर कुछ सवाल पूछे हैं। मंत्रिमंडल उन पर विचार कर जवाब राज्यपाल को भिजवाएगा।

20:16 (IST)24 Jul 2020
राज्यपाल ने कुछ बिंदु उठाए, जिन पर आज रात साढ़े 9 बजे बैठक

राज्यपाल के आश्वासन के बाद कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों ने राजभवन में अपना धरना समाप्त किया, राज्यपाल ने कुछ बिंदु उठाए हैं, जिन पर विचार के लिए अशोक गहलोत मंत्रिमंडल की बैठक शुक्रवार की रात साढ़े नौ बजे होगी।

19:42 (IST)24 Jul 2020
और क्या बोले राजस्थान CM?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘राज्यपाल हमारे संवैधानिक मुखिया हैं। हमने उनसे आग्रह किया। मुझे यह कहते हुए संकोच नहीं है कि बिना ऊपर के दबाव के वह इस फैसले को रोक नहीं सकते थे क्योंकि राज्य कैबिनेट का जो फैसला होता है राज्यपाल उससे बंधे होते हैं।’’

गहलोत ने कहा कि अगर राज्यपाल के कुछ सवाल हैं तो वह सचिवालय स्तर पर समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा विपक्ष मांग करता है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। यहां सत्ता पक्ष कह रहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वहीं विपक्ष कह रहा है कि हम ऐसी मांग ही नहीं कर रहे। यह क्या पहेली है।’’

19:02 (IST)24 Jul 2020
राजस्थान में उल्टी गंगा बह रही है : गहलोत

कांग्रेस और उसके समर्थक विधायकों के राजभवन में धरना शुरू किए जाने के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार की शाम कहा कि राज्य में उल्टी गंगा बह रही है जहां सत्ता पक्ष खुद विधानसभा का सत्र बुलाना चाहता है और विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि हम तो इसकी मांग नहीं कर रहे। गहलोत ने राज्यपाल को संवैधानिक मुखिया बताते हुए अपने विधायकों को गांधीवादी तरीके से पेश आने की नसीहत दी। गहलोत ने उम्मीद जताई कि राज्यपाल कलराज मिश्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कांग्रेस सरकार के प्रस्ताव पर जल्द ही फैसला करेंगे।

18:05 (IST)24 Jul 2020
राज्यपाल को CM ने भेजा था पत्र, कहा था- बुलाएं विस सत्र

इससे पहले, गहलोत ने कहा "हमने कल राज्यपाल महोदय को पत्र भेजकर निवेदन किया था कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और उसमें राजनीतिक हालात, कोरोना पर चर्चा हो। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण मजबूरी में वो विधानसभा बुलाने के निर्देश नहीं दे रहे हैं।"

गहलोत ने कहा "हम सब आ रहे हैं अभी एक साथ राज्यपाल महोदय से रिक्वेस्ट करेंगे। राजभवन के अंदर सबके सामने रिक्वेस्ट करेंगे और कहेंगे कि आप किसी के दबाव में ना आयें। आपका संवैधानिक पद है। अपने शपथ ली हुई है। वरना फिर हो सकता है कि पूरे प्रदेश की जनता अगर राज भवन को घेरने के लिए आगई, तो हमारी ज़िम्मेदारी नहीं होगी।"

17:24 (IST)24 Jul 2020
‘अति महात्वाकांक्षी’ युवा नेता अलग हो रहे हैं’’: अधीर

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के कई ‘अति महत्वाकांक्षी’ युवा नेता बेचैन हो रहे हैं और पार्टी से अलग हो रहे हैं क्योंकि यह धारणा बढ़ रही है कि कांग्रेस बहुत जल्द केंद्र की सत्ता में वापसी नहीं करने वाली है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुछ युवा नेताओं के अलग होने से पार्टी पर अस्थायी तौर पर कुछ विपरीत प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन वैचारिक प्रतिबद्धता की कमी वाले नेताओं की आकांक्षाओं की संतुष्टि के लिए अनुशासन एवं विचारधारा से समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब कुछ महीने पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से अलग हो गए और अब सचिन पायलट ने बगावत की है। चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘अति महात्वाकांक्षी युवा नेताओं का एक धड़ा है। वे बेचैन हो रहे हैं और उन्हें लगता है कि पार्टी में उन्हें वाजिब हक नहीं मिल रहा है। ऐसे में वे अपनी निजी आकांक्षाओं की संतुष्टि के लिए विकल्प तलाश रहे हैं।’’ 

16:06 (IST)24 Jul 2020
राज भवन परिसर के पार्क में कांग्रेसी विधायकों का धरना

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के समर्थक विधायकों ने शुक्रवार को राजभवन में ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाये। गहलोत खेमे के ये विधायक मुख्यमंत्री गहलोत की अगुवाई में ही राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने और विधानसभा का सत्र बुलाने का आग्रह करने राजभवन पहुंचे थे। इन विधायकों के साथ कांग्रेस सरकार के समर्थक निर्दलीय और अन्य विधायक भी राजभवन पहुंचे। मुख्यमंत्री गहलोत पहले जब राज्यपाल से मुलाकात कर रहे थे तो बाकी विधायक मंत्री बाहर लॉन में इंतजार कर रहे थे। इस दौरान इन विधायकों ने नारेबाजी की। विधायकों ने 'हर जोर जुल्म की टक्कर में इंसाफ हमारा नारा है', 'इंकलाब जिंदाबाद', ‘अशोक गहलोत संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं’, 'अशोक गहलोत जिंदाबाद' के नारे लगाए।

#WATCH Rajasthan: Congress MLAs supporting Chief Minister Ashok Gehlot sit and raise slogans at Raj Bhawan.The Chief Minister had met Governor Kalraj Mishra this afternoon over the issue of the convening of the Assembly Session. pic.twitter.com/m6XhwwMuM2— ANI (@ANI) July 24, 2020

15:51 (IST)24 Jul 2020
ऊपर से दबाव के कारण विधानसभा सत्र नहीं बुला रहे राज्यपाल : गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि सरकार के आग्रह के बावजूद ‘ऊपर से दबाव’ के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है और विधानसभा में “दूध का दूध और पानी का पानी” हो जाएगा। गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन की ओर रवाना होने से पहले संवाददाताओं के समक्ष यह बात कही। गहलोत ने कहा, 'हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव के कारण वह (राज्यपाल) अभी विधानसभा सत्र बुलाने के लिए निर्देश नहीं दे रहे हैं। इस बात का हमें बहुत दुख है। जबकि हम सत्र बुलाना जाना चाहते हैं।'

15:14 (IST)24 Jul 2020
राजभवन के बाहर बैठे विधायक, गहलोत राज्यपाल से मिलने पहुंचे

अशोक गहलोत ने दोपहर को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। इस दौरान सभी विधायक राजभवन में बाहर डेरा जमाए रहे। सीएम की ओर से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की जा रही है। कांग्रेस नेताओं की ओर से कहा गया है कि कोई भी विधायक कोरोना पॉजिटिव नहीं है, इससे पहले राज्यसभा चुनाव में कोविड पॉजिटिव विधायकों ने वोट दिया था।

14:52 (IST)24 Jul 2020
राजभवन में धरने पर बैठ सकते हैं विधायक

अब से कुछ देर में सभी विधायक बस में बैठकर राजभवन के लिए रवाना होंगे। इस बीच विधायकों का कहना है कि सत्र नहीं बुलाया गया तो सभी राजभवन में धरने पर बैठ सकते हैं। राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि अगर कोरोना का संकट है तो वो सभी विधायकों को कोरोना टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं।

14:05 (IST)24 Jul 2020
देश में ऐसा नंगा नाच कभी नहीं देखा

गहलोत ने कहा कि सीबीआई, ईडी और आयकर भवन के छापे डाले जा रहे हैं। देश में ऐसा नंगा नाच कभी नहीं देखा। हम राज्यपाल से कहना चाहते हैं कि आप किसी से घबराएं नहीं। वे अपनी अंतरआत्मा के आधार पर फैसला करें। अगर पूरी जनता राजभवन को घेरने के लिए आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।

13:27 (IST)24 Jul 2020
किसी के दबाव में ना आयें वरना जनता राजभवन घेर लेगी

गहलोत ने कहा "हम सब आ रहे हैं अभी एक साथ राज्यपाल महोदय से रिक्वेस्ट करेंगे। राजभवन के अंदर सबसे सामने रिक्वेस्ट करेंगी की आप किसी के दबाव में ना आयें। आपका संवैधानिक पद है। अपने शपथ ली हुई है। वरना फिर हो सकता है कि पूरे प्रदेश की हंता अगर राज भवन को घेरने के लिए आगई, तो हमारी ज़िम्मेदारी नहीं होगी।

13:05 (IST)24 Jul 2020
दबाव होने के कारण राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है। गहलोत ने कहा कि उन्होने गहलोत से तुरंत विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है। गहलोत ने कहा इस सत्र में जिसमें कोरोना संकट, लॉकडाउन पर चर्चा होगी। लेकिन अभी तक राज्यपाल का कोई जवाब नहीं आया है। गहलोत ने कहा "हमारा मानना है कि ऊपर से दबाव होने के कारण वो विधानसभा सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं।"

12:24 (IST)24 Jul 2020
राज्यपाल ने अशोक को दोपहर 12:30 बजे का समय दिया

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनका समर्थन कर रहे कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल कलराज मिश्र से समय मांगा। राज्यपाल ने उन्हें आज दोपहर 12:30 बजे का समय दिया है।

12:12 (IST)24 Jul 2020
अशोक गहलोत गुट की ओर से राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा

राजस्थान हाईकोर्ट के द्वारा स्पीकर के नोटिस पर लगाए गए स्टे पर सचिन पायलट गुट का पहला रिएक्शन सामने आया है। पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ट्वीट कर फैसले की तारीफ की है। वहीं अशोक गहलोत गुट की ओर से राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा गया है। अब से कुछ देर में अशोक गहलोत राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं, जहां विधायकों की परेड कराई जा सकती है।

11:30 (IST)24 Jul 2020
सीपी जोशी के वकील प्रतीक कासलीवाल ने मीडिया को बताया

स्पीकर सीपी जोशी के वकील प्रतीक कासलीवाल ने मीडिया को बताया "अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट और विधायकों द्वारा कांग्रेस के खिलाफ दायर याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र को पक्षकार बनाया है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अदालत में केंद्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।"

10:56 (IST)24 Jul 2020
राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया

राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट और विधायकों द्वारा अयोग्यता नोटिस के खिलाफ दायर याचिका में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया है। ऐसे में अब केंद्रीय कानून मंत्रालय की ओर से कानूनी पक्ष रखा जा रहा है।

10:43 (IST)24 Jul 2020
पायलट गुट की याचिका पर हाईकोर्ट को आज अपना फैसला सुनाना है

अब से कुछ देर में राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू होगी। पायलट गुट की याचिका पर हाईकोर्ट को आज अपना फैसला सुनाना है। फैसले पर नजर इसलिए भी हैं क्योंकि पायलट गुट ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र को पक्षकार बनाने को कहा है, यानी अगर इसे स्वीकारा जाता है तो तुषार मेहता या वेणुगोपाल अदालत में पेश हो सकते हैं। ऐसे में इस मामले के लंबा खिंचने की भी उम्मीद है।

10:16 (IST)24 Jul 2020
नरेन्द्र मोदी को गहलोत ने राजस्थान की सरकार को गिराने के संबंध में चिट्ठी लिखी

गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मैंने राजस्थान की सरकार को गिराने के संबंध में चिट्ठी लिखी है। वो इसलिए लिखी है क्योंकि कल को पीएम मोदी ये ना कह दें कि मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं थी। यहां मेरी पार्टी के लोगों ने मुझे इस संबंध में आधी- अधूरी जानकारी दी। इसलिए चिट्ठी लिखने के साथ उन्हें सोशल मीडिया के जरिए भी अवगत करवाया है।