राजस्थान का सियासी घमासान खत्म होता नहीं दिख रहा है। अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है। दरअसल, सचिन पायलट गुट के विधायक भंवर लाल शर्मा ने राजस्थान हाई कोर्ट ने याचिका दाखिल की। उन्होंने मांग की है कि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की एफआईआर नंबर 437 की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) से कराई जाए, क्योंकि प्रदेश पुलिस राजस्थान सरकार के प्रभाव में काम कर रही है।

उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसता जा रहा है। उनसे फर्टीलाइजर निर्यात घोटाले से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग केस के संबंध में पूछताछ की जानी है। निदेशालय ने बुधवार यानी 29 जुलाई को उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा है।

इससे पहले मंगलवार यानी 28 जुलाई को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर करीब ढाई घंटे तक कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में विधानसभा का सत्र बुलाने पर राज्यपाल की आपत्तियों पर चर्चा हुई। तय हुआ कि राज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए फिर प्रस्ताव भेजा जाए। कैबिनेट बैठक खत्म होने के बाद राज्य सरकार में मंत्री प्रताप सिंह, हरीश चौधरी ने कहा कि हमें बहुमत साबित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम पहले से ही बहुमत में हैं।

Rajasthan Government Crisis LIVE Updates

इस बीच, विधायकों की बाड़ेबंदी का मामला कोर्ट पहुंच गया है। कोरोनाकाल में विधायकों की बाड़ेबंदी के मामले को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एमएम) 11 ने अपने क्षेत्राधिकार में नहीं माना है। अब एमएम-9 की अदालत इस मामले को सुनेगी। अधिवक्ता ओमप्रकाश ने अदालत में मुकदमा दायर किया है। मुकदमे में कहा गया है कि कोरोनाकाल में विधायकों की बाड़ेबंदी गलत है। प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर सभी विधायकों पर मामला दर्ज करने की मांग की गई है।

Live Blog

08:04 (IST)29 Jul 2020
भंवरलाल शर्मा ने अशोक गहलोत पर लगाया जानबूझकर फंसाने का आरोप

भंवर लाल शर्मा ने याचिका में आरोप लगाया है कि उन्हें जानबूझकर फंसाने की साजिश की जा रही है, क्योंकि वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटाने की मांग कर रहे हैं। बता दें कि हरियाणा के मानेसर के रिजॉर्ट में पायलट गुट के विधायक काफी वक्त से ठहरे हुए थे, जिनकी तलाश खुद राजस्थान पुलिस की SOG टीम भी कर रही थी। हालांकि, पिछले दिनों बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट की ओर से लिखित में जवाब दिया गया कि कांग्रेस का कोई विधायक रिजॉर्ट में मौजूद नहीं है।

07:48 (IST)29 Jul 2020
22 साल पहले राजस्थान में खुला था बसपा का खाता

राजस्थान में बसपा का खाता पहली बार 1998 में खुला। तब कांग्रेस को 150, भाजपा को 33 सीटें मिली थीं। बसपा के दो विधायक थे, लेकिन दोनों ही पार्टियों को उनकी जरूरत नहीं थी। 2003 में भाजपा ने 120 सीटें जीतकर सरकार बनाई। कांग्रेस को 56 सीटें मिलीं। बसपा ने फिर दो सीटें जीतीं, लेकिन उस बार भी दोनों ही पार्टियों को बसपा विधायकों की जरूरत नहीं थी। साल 2008 में बसपा किंग मेकर बन कर उभरी। उसके छह विधायक जीते। कांग्रेस को 96 और भाजपा को 78 सीटें मिली। सीएम अशोक गहलोत ने बसपा विधायकों का विलय कर करवा लिया।

07:24 (IST)29 Jul 2020
कांग्रेस पर जमकर बरसीं मायावती, कहा- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे

बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पर जमकर बरसीं। मायावती ने कहा कि आज कांग्रेस विधायकों को तोड़ने को लेकर भले ही हल्ला मचा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस खुद विधायकों की चोरी करती है। यह तो वैसी ही बात है जैसे उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। चोरी का सामान चोरी होने पर कांग्रेस परेशान है। बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने पर मायवती ने कहा कि यह असंवैधानिक है, अनैतिक है और लोगों के जनादेश के खिलाफ है। अब जब कांग्रेस के खुद के साथ ऐसा हो रहा है तो वह परेशान है।

05:25 (IST)29 Jul 2020
बीजेपी विधायक ने हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की

राजस्थान में सियासी संकट के बीच भाजपा विधायक मदन दिलावर ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की। इसमें उन्होंने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ उनकी शिकायत खारिज करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमों के बीच जारी रस्साकशी के बीच बसपा ने भी मामले में एक पक्ष बनने के अनुरोध को लेकर अदालत का रूख किया है।

04:47 (IST)29 Jul 2020

राजस्थान सरकार ने विधानसभा का सत्र 31 जुलाई से बुलाने के लिए एक संशोधित प्रस्ताव मंगलवार को राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजा। हालांकि, इसमें यह उल्लेख नहीं किया है कि वह विधानसभा सत्र में विश्वास मत हासिल करना चाहती है या नहीं। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा का सत्र बुलाये जाने के लिये राज्य सरकार से प्राप्त एक प्रस्ताव मिश्र द्वारा लौटाए जाने के साथ दिये गये सुझावों पर चर्चा करने के बाद मंत्रिमंडल ने यह रुख अपनाया है।

04:17 (IST)29 Jul 2020
मुख्यमंत्री गहलोत के भाई को मनी लांंड्रिंग मामले में पूछताछ के लिये ईडी का समन

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई को मनी लांंड्रिंग मामले में पूछताछ के लिये समन किया है। यह मामला उर्वरक निर्यात में कथित वित्तीय अनियमितता से जुड़ा है। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के भाई अग्रसेन गहलोत को मनी लांंड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत बुधवार को दिल्ली में जांच अधिकारी के समक्ष बयान देने के लिये बुलाया गया है।

22:26 (IST)28 Jul 2020
राज्यपाल ने अनुच्छेद 174 के तहत सरकार को दिया है विधानसभा सत्र बुलाने का परामर्श

कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार को संविधान के अनुच्छेद 174 के तहत सरकार को विधानसभा का सत्र बुलाने का परामर्श दिया है।
1- विधानसभा सत्र 21 दिनों का नोटिस देकर बुलाया जाए, ताकि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मौलिक अधिकारों और सबको समान अवसर प्राप्त हो सके।
2- विश्वासमत प्राप्त करने की सभी प्रक्रिया संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की मौजूदगी में ही पूरी की जाए।
3- विश्वासमत प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाए।
4- विधानसभा में विश्वासमत प्राप्त करने की प्रक्रिया हां या ना के बटन दबाने के माध्यम से पूरी हो।
5- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विभिन्न मुकदमों में अपने फैसले दिए हैं, विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान इन फैसलों का भी ध्यान रखा जाए।
6- कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा देखते हुए विधानसभा में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
7- विधानसभा सत्र के दौरान 1000 से अधिक कर्मचारी और 200 से ज्यादा सदस्यों की उपस्थिति से कोरोना संक्रमण का खतरा न फैले, इसका भी ध्यान रखा जाए।

21:39 (IST)28 Jul 2020
जनता को यह संदेश देना चाहती है कांग्रेस

राजस्थान के मामले में अब तक कैबिनेट ने यह नहीं कहा है कि संवैधानिक संकट है और विश्वास मत हासिल करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाया जाए। यदि ऐसा करते तो राज्यपाल को बुलाना भी पड़ता, लेकिन कांग्रेस की उसमें किरकिरी होती। गहलोत और कांग्रेस की कोशिश जनता के सामने यह तस्वीर पेश करना है कि भाजपा और राज्यपाल जनता की चुनी हुई सरकार को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी को लेकर वे राज्यपाल के खिलाफ मुखर है और कांग्रेस सड़क पर उतरी हुई है।

20:30 (IST)28 Jul 2020
कहीं यह तो नहीं है विधानसभा सत्र बुलाने के पीछे की राजनीति?

कांग्रेस चाहती है कि जल्द से जल्द विधानसभा का सत्र बुलाया जाए और विश्वास मत पेश किया जाए। व्हिप का पालन करना पायलट की मजबूरी होगी। यदि व्हिप का पालन नहीं किया तो उन्हें अयोग्य करार देना आसान हो जाएगा। लेकिन, भाजपा और पायलट नहीं चाहते कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। वे कह रहे हैं कि नियमों के अनुसार कार्यवाही होनी चाहिए। नियमों का ही हवाला देकर राज्यपाल ने अशोक गहलोत की सरकार को उलझा रखा है। दरअसल, विधानसभा सत्र बुलाने से पहले 21 दिन का नोटिस देना होता है। अब दलील दी जा रही है कि मंत्रिपरिषद की सलाह को मानना राज्यपाल का दायित्व है। हकीकत यह है कि राज्यपाल के विवेकाधिकार का मसला अब भी स्पष्ट नहीं है।

18:39 (IST)28 Jul 2020
विधायकों के विलय के मुुुुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगी मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि राजस्‍थान चुनाव के बाद उनकी पार्टी ने कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया था, लेकिन दुख की बात है कि गहलोत ने सीएम बनने के बाद बदनीयती से और बसपा को राजस्‍थान में नुकसान पहुंचाने के लिए विधायकों का विलय कराया। मायावती ने आरोप लगाया कि गहलोत ने बार-बार धोखा दिया है। साथ ही कहा कि विधायकों के विलय के मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगी।

17:47 (IST)28 Jul 2020
राज्यपाल कलराज मिश्र ने यह रखी है शर्त

इससे पहले दो बार सत्र बुलाने के प्रस्ताव को राज्यपाल ने यह कहते हुए लौटा दिया था कि वह सत्र बुलाने के लिए तैयार हैं मगर सरकार को 21 दिन का नोटिस देने की शर्त माननी पड़ेगी। इसके अवाला सरकार से दो सवाल भी पूछे गए। इसमें पहला सवाल था कि क्या आप विश्वास मत प्रस्ताव चाहते हैं? अगर किसी भी परिस्थिति में विश्वास मत हासिल करने की कार्यवाही की जाती है तो यह संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की मौजूदगी में हो और वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई जाए। दूसरा सवाल था कि जब विधानसभा का सत्र बुलाया जाए तो सोशल डिस्टेंसिंग कैसे सुनिश्चित की जाएगी, यह भी साफ किया जाए। क्या ऐसी व्यवस्था है कि 200 सदस्य और एक हजार से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के इकट्ठा होने पर संक्रमण का खतरा ना हो?

17:05 (IST)28 Jul 2020
कांग्रेस ने ट्वीट कर साधा भाजपा पर निशाना

कांग्रेस ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि लोकतंत्र की हत्या को आतुर, पुरजोर भाजपाई षड्यंत्र है। लोकतंत्र को बचाने का, कांग्रेस ने भी लिया मंत्र है।

15:51 (IST)28 Jul 2020
ये भी जानिए: राजस्थान में संक्रमितों की संख्या 38 हजार के करीब, 640 की मौत

राजस्थान में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। मंगलावर सुबह भी प्रदेशभर में 406 नए संक्रमित मरीज मिले जबकि 7 कोरोना मरीजों की मौत हुई। राज्य में कुल मामलों की संख्या अब 37,970 हो गई है, मौत का आंकड़ा 640 हो गया है। राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

15:24 (IST)28 Jul 2020
कांग्रेस ने पिछले कार्यकाल में भी हमारे साथ यही किया: बसपा

बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार (28 जुलाई, 2020) को कहा कि दुख की बात है कि अशोक गहलोत ने अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी बदनियत से बसपा को राजस्थान में गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे 6 विधायकों को असंवैधानिक तरीक से कांग्रेस में विलय करने की गैर कानूनी कार्यवाही की है और यही गलत काम उन्होंने पिछले कार्यकाल में भी किया था। मायावती ने कहा कि कांग्रेस का ये कार्य संविधान की 10वीं अनुसूचि के खिलाफ है इसलिए बसपा के द्वारा 6 विधायकों को व्हिप जारी कर निर्देशित किया गया है कि ये सदन में कांग्रेस के खिलाफ ही मत डालेंगे। बसपा ने ये निर्णय कांग्रेस के द्वारा बार-बार धोखा दिए जाने के कारण ही लिया है। बकौल मायावती इस कारण से इनकी (कांग्रेस) अब सरकार रहती है या नहीं रहती है इसका दोष अब पूर्ण रूप से कांग्रेस और उनके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ही होगा।

14:58 (IST)28 Jul 2020
राज्यपाल पूछने वाले कौन, सत्र क्यों बुलाजा जा रहा: कांग्रेस

कैबिनेट बैठक खत्म होने के बाद राज्य सरकार में मंत्री प्रताप सिंह, हरीश चौधरी की ओर से बयान दिया गया कि हमें बहुमत साबित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम पहले से ही बहुमत में हैं। मंत्री ने कहा कि राज्यपाल कौन होते हैं पूछने वाले कि सत्र क्यों बुलाया जा रहा है।

14:05 (IST)28 Jul 2020
कांग्रेस के बागी विधायक का दावा- सचिन पायलट के संपर्क में हैं गहलोत खेमे के 15 विधायक

कांग्रेस के बागी सचिन पायलट गुट के विधायक व पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने वीडियो जारी कर एक अहम दावा किया है। उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत गुट के 10 से 15 विधायक सचिन पायलट गुट के संपर्क में हैं और बाड़ाबंदी हटते ही ये हमारे पास चले आएंगे। उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के उस बयान पर भी निशाना साधा जिसमें उन्होंने पायलट खेमे के तीन विधायकों के कांग्रेस में वापसी का दावा किया। हेमाराम चौधरी ने कहा कि सुरजेवाला का बयान निराधार है और वो ऐसे बयान देकर विधायकों को दिलासा देने की कोशिश कर रहे हैं। सुरजेवाला ने दावा किया था कि पायलट खेमे के तीन विधायक 48 घंटे के भीतर कांग्रेस में लौट आएंगे।

13:34 (IST)28 Jul 2020
अभी क्या है कांग्रेस का सियासी गणित, जानिए

राजनीतिक संकट से पहले कांग्रेस के 107 विधायक थे। हालांकि अब स्थिति बिल्कुल अलग है। अभी सीएम गहलोत के पक्ष में 102 विधायक हैं जिनमें 88 कांग्रेस, 10 निर्दलीय, 2 बीटीपी, 1 आरएलडी, 1 सीपीएम से हैं। पायलट गुट में 19 कांग्रेस के बागी है और दो निर्दलीय है। इसके अलावा भाजपा प्लस के पास 72 भाजपा, 3 आरएलपी यानी कुल 75 विधायकों का समर्थन है। माकपा के एकलौते विधायक गिरधारी मईया फिलहाल सबसे अलग हैं।

12:59 (IST)28 Jul 2020
गहलोत ने राष्ट्रपति से दखल की मांग की

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्यपाल के रवैए को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। साथ ही राष्ट्रपति को अर्जी भेजकर कहा है कि राज्यपाल सत्र चलाने की मंजूरी नहीं दे रहे, इसलिए आप दखल दीजिए।

12:23 (IST)28 Jul 2020
कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- बीजेपी लोकतंत्र की हत्या को आतुर
11:51 (IST)28 Jul 2020
बसपा प्रमुख ने कांग्रेस पर साधा निशाना

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि राजस्थान चुनाव नतीजों के बाद पार्टी के सभी विधायकों ने बिना शर्त कांग्रेस को समर्थन दिया था। मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी को नुकसान पहुंचाने के मकसद से विधायकों को असंवैधानिक तरीके से कांग्रेस में मिला लिया। गहलोत ने पिछले कार्यकाल में भी ऐसा ही किया था।