Rajasthan Government Crisis HIGHLIGHTS: सचिन पायलट के समर्थन में ट्वीट करने वाले संजय झा कांग्रेस से निलंबित कर दिए गए हैं। कांग्रेस का मानना है कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। उधर, खबर है कि पार्टी ने पायलट समेत समर्थक विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है। वहीं, सचिन पायलट बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर राज्य मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक खत्म हो गई है। वहीं पार्टी से बर्खास्त किए जाने के बाद सचिन पायलट ने अपने ट्विटर अकाउंट का बायो बदल दिया है। उन्होंने ट्विटर प्रोफाइल पर अब केवल टोंक विधायक मेंशन किया है। उन्होंने आईटी, दूरसंचार और कॉर्पोरेट मामलों के पूर्व मंत्री, भारत सरकार भी लिखा है। इससे पहले ट्विटर पर उन्होंने डिप्टी सीएम राजस्थान और राजस्थान कांग्रेस प्रेसिडेंट लिखा था।
इससे पहले पायलट के मुद्दे पर प्रियंका गांधी ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की। वहीं, गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि हाई कमान को यह फैसला लेने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि भाजपा लंबे समय से विधायकों की खरीद फरोख्त की साजिश कर रही थी। हमें पता था कि यह एक बड़ी साजिश है, अब हमारे कुछ साथी इससे भटक गए और दिल्ली चले गए। अशोक गहलोत सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के संदर्भ में बात कर रहे थे।
Rajasthan Government Crisis LIVE Updates:
बता दें कि कांग्रेस नेतृत्व ने बागी तेवरों के लिए सचिन पायलट के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसकी जानकारी दी। वहीं कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सीएम अशोक गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने राजभवन पहुंचे।
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कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के लिए विधायकों की राय ली गई और वहां मौजूद सभी विधायकों ने एकमत से सचिन पायलट को पद से हटाने का समर्थन किया।
Highlights
अशोक गहलोत मंत्रिमंडल व मंत्री परिषद की बैठक मंगलवार रात यहां हुई जिसमें राज्य में 223 करोड़ रुपये के निवेश की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी तथा कई अन्य फैसले किए गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में ये बैठकें मंगलवार रात मुख्यमंत्री निवास पर हुई। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह तथा रमेश मीणा को हटाए जाने के बाद मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पदों से सचिन पायलट को हटाए जाने के बाद मंगलवार को कहा कि वह पायलट के पार्टी ‘छोड़ने’ को लेकर दुखी हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मैं सचिन पायलट के कांग्रेस छोड़ने को लेकर दुखी हूं। काश ! बात यहां तक नहीं पहुंची होती। अलग होने के बजाय उन्हें अपने, हमारे सपनों को पूरा करने के लिए पार्टी को बेहतर एवं प्रभावशाली बनाने के प्रयास में शामिल होना चाहिए था।’’
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता गंवा चुकी है और राजस्थान में भी गंवाने वाली है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में भी गठबंधन सरकार लंबे समय तक नहीं चल पाएगी। भाजपा की सहयोगी आरपीआई (ए) के प्रमुख आठवले ने कहा कि अगर सचिन पायलट और उनका समर्थन करने वाले विधायकों ने भाजपा से हाथ मिला लिया तो कांग्रेस राजस्थान में भी सत्ता गंवा देगी ।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी, समस्त विभागों, प्रकोष्ठ को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।
अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को कहा कि शासन ‘‘ऑटो पायलट’’ मोड में चल रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री ‘‘पायलट का पीछा करने में व्यस्त हैं।’’ कांग्रेस ने सचिन पायलट को पार्टी के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया।
सचिन पायलट 2003 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। अगले साल यानी 2004 में महज 26 साल की उम्र में वह सांसद चुने गए। 32 साल की उम्र में केंद्रीय मंत्री बने। 36 साल की उम्र में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। 40 साल की उम्र में उन्होंने राजस्थान के उप मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाली। हालांकि, अब वह सिर्फ टोंक के विधायक रह गए हैं।
गहलोत सरकार सचिन पायलट की जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस ले सकती है। डिप्टी सीएम की कुर्सी जाते ही सरकार जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राज्य सरकार सचिन पायलट की जेड श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने को लेकर मंथन कर रही है। हालांकि आखिरी फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में गठित कमेटी को करना है।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहली बार देश खतरे में आ रहा है। देश में जो सरकार आई है वह धनबल से राज्य की दूसरी सरकारों को तोड़-मरोड़ रही है। सरकारें बदली हैं, राजीव गांधी चुनाव हारे हैं। इस देश में ये सब कुछ हुआ है। आप सोचिए पाकिस्तान में ऐसा नहीं होता। पायलट, भाजपा के हाथ में खेल रहे हैं। जो मध्यप्रदेश में मैनेज कर रहे थे, वही यहां लगे हैं।
मंगलवार सुबह हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। इसके फौरन बाद सचिन पायलट ने अपने ट्वीट में लिखा, सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं। बैठक से पहले सचिन पायलट और उनके समर्थकों ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री मानने से इंकार कर दिया था। सूत्रों की मानें तो पायलट ने पार्टी नेतृत्व के सामने खुद को सीएम बनाने की शर्त रखी थी।
राजस्थान के मौजूदा सियासी हालात पर भाजपा की भी नजर बनी हुई है। यही वजह है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता आज इस मुद्दे पर बैठक कर रहे हैं। हालांकि आंकड़ों के खेल में अभी भाजपा पिछड़ रही है लेकिन राजनीति में ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है, यही वजह है कि भाजपा भी अपनी तैयारियों में जुट गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ से जब पूछा गया कि क्या बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश करेगी? तो इसके जवाब में राठौड़ ने कहा कि 'हम कोई साधू की जमात से नहीं है, अगर मौका मिला तो उसे जरूर अपने पक्ष में करेंगे।'
कांग्रेस द्वारा डिप्टी सीएम पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा है कि "सच का शोषण किया जा सकता है लेकिन उसे हराया नहीं जा सकता।" बता दें कि सचिन पायलट लगातार दूसरे दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे जिसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उन्हें सभी अहम पद से हटा दिया है।
अशोक गहलोत सरकार 109 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है लेकिन स्थिति इतनी भी आसान दिखाई नहीं दे रही है। दरअसल कांग्रेस की सहयोगी पार्टी भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोआत ने एक वीडियो संदेश जारी कर आरोप लगाया है कि पुलिस उन्हें कहीं आने जाने नहीं दे रही है और उनकी गाड़ी की चाबी ले ली गई है और बंधक जैसे हालात हैं।
जयपुर के फेयरमोंट होटल में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के दौरान 102 विधायक मौजूद रहे। इस दौरान विधायकों से सचिन पायलट को पद से हटाने के लिए राय मांगी गई, जिस पर वहां मौजूद सभी विधायकों ने सचिन पायलट को पद से हटाने का समर्थन किया।
राजस्थान के सियासी हालात पर भाजपा की भी नजरें लगी हुई हैं। यही वजह है कि पार्टी ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आज बैठक बुलायी है। इस बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया, गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़, चंद्रशेखर समेत कई अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए हैं।
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया का कहना है कि कांग्रेस पार्टी दावा कर रही है कि उसके नेता एकजुट हैं लेकिन यह साफ है कि उनमें अंदरुनी कलह है, जिसके चलते सचिन पायलट को सम्मान नहीं मिलने के चलते पार्टी छोड़नी पड़ी। हालांकि सतीश पुनिया ने फ्लोर टेस्ट की मांग करने से अभी इंकार कर दिया है।
सचिन पायलट खेमे के हेमा राम चौधरी ने कहा कि यदि सरकार के पास 106 विधायक हैं तो उनके पास संख्याबल है। ऐसे में उन्हें विधायकों को होटल में बंद करके रखने की क्या जरुरत है? बता दें कि कांग्रेस के सभी विधायक जयपुर के एक होटल में ठहरे हुए हैं।
कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय ने ट्वीट कर बागी विधायकों से अपील की है कि वह आज की विधायक दल की बैठक में शामिल हों। कांग्रेस की विचारधारा और मूल्यों में अपना विश्वास जताते हुए कृप्या अपनी उपस्थिति निश्चित करें और श्रीमती सोनिया गांधी व राहुल गांधी जी के हाथ मजबूत करें।
राजस्थान में जारी सियासी संग्राम के बीच वसुंधरा राजे का रुख थोड़ा अलग दिखाई दे रहा है। दरअसल वह खुलकर सचिन पायलट के समर्थन में बयान नहीं दे रही हैं और ना ही वह सचिन पायलट को भाजपा में लाने के समर्थन में दिखाई दे रही हैं। जिस तरह से एमपी में शिवराज सिंह चौहान सिंधिया को अपने पाले में करने के लिए कोशिश कर रहे थे या देवेंद्र फडणवीस ने अजीत पवार को अपने पाले में खींचने की कोशिश की थी, उस मुकाबले में वसुंधरा राजे बिल्कुल निष्क्रिय दिखाई दे रही हैं।
राजस्थान सरकार ने सोमवार को पार्टी विधायकों के लिए मीटिंग का व्हिप जारी किया था लेकिन इस बैठक में कई विधायक नहीं पहुंचे। इसके बावजूद पार्टी का असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ अभी तक रुख नरम रहा है। कांग्रेस पार्टी नाराज विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश कर रही है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद वह पार्टी के एक और चर्चित चेहरे को नहीं खोना चाहती। साथ ही राजस्थान में सचिन पायलट बड़ा नाम है और भविष्य में सीएम पद के दावेदार हैं। ऐसे में कांग्रेस इतने बड़े कद के नेता को अपने खेमे से यूं ही नहीं जाने देना चाहेगी।
जयपुर कांग्रेस मुख्यालय से सचिन पायलट के पोस्टर हटा दिए गए हैं। दरअसल कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट के शामिल ना होने के बाद यह कदम उठाया गया है।
राजस्थान में जारी सियासी उठा-पटक के बीच सचिन पायलट मीडिया के सामने नहीं आए लेकिन समर्थक विधायकों के साथ उनका एक वीडियो सामने आया है। सचिन पायलट खेमे का दावा है कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है। सचिन पायलट अभी हरियाणा के नूंह स्थित होटल आईटीसी में समर्थक विधायकों के साथ ठहरे हुए हैं।
राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच कांग्रेस विधायक दल की एक और बैठक मंगलवार सुबह होगी। पार्टी नेतृत्व को उम्मीद है कि नाराज चल रहे उप मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और अन्य कई विधायक इसमें शामिल होंगे। इसके साथ ही पार्टी ने दावा किया है कि कांग्रेस एवं उसके समर्थक निर्दलीय सहित 109 विधायकों ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में भरोसा जताया है।
राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अपने दोनों विधायकों से तटस्थ रहने को कहा है। पार्टी ने दोनों विधायकों के लिए सदन में शक्ति परीक्षण के दौरान न तो कांग्रेस और न ही भाजपा के पक्ष में वोट देने का व्हिप जारी किया है।
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों ने पायलट गुट की ताकत दिखाने के लिये सोमवार को कांग्रेस विधायकों का एक लघु वीडियो जारी किया।
दस सेंकेंड के इस वीडियो को पायलट के प्रवक्ता ने अधिकारिक व्हाट्स एप ग्रुप में जारी किया जिसमें लगभग 16 विधायक एक घेरे में बैठे हुए हैं। इसके अलावा छह अन्य लोग भी वीडियो में मौजूद है लेकिन उनकी पहचान नहीं हो सकी। वीडियो में पायलट नहीं दिखाई दिये।
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर संकट के बीच, आयकर विभाग ने सोमवार को कथित कर चोरी के मामले में एक लोकप्रिय ज्वेलरी चेन समेत तीन व्यापारिक प्रतिष्ठानों के 43 परिसरों पर छापे मारे। इनके संबंध कांग्रेस नेताओं से है।
दिल्ली गए कांग्रेसी विधायक दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा ने जयपुर लौटकर कहा कि वे निजी कारणों से दिल्ली गए थे। अगर मीडिया कहता है कि हम इस वजह से वहां गए, या उस वजह से वहां गए.. तो ये हमारी समस्या नहीं है। हम किसी भी विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। हम कांग्रेस के सिपाही हैं। आखिरी सांस तक कांग्रेस के साथ रहेंगे।
सोमवार सुबह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इसकी तस्वीर भी सामने आई। तस्वीर में मुख्यमंत्री गहलोत और समर्थक विधायक विक्ट्री साइन दिखा रहे थे। रात में 9 बजे कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने 109 विधायकों के समर्थन में होने का दावा किया। हालांकि 109 में से 20 विधायक गायब रहे, जो पायलट खेमे के बताए जा रहे हैं। बहुमत साबित करने के लिए गहलोत सरकार के पास 101 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, मैं सचिन पायलट को सबसे प्रतिभाशाली, सक्षम और प्रभावशाली कांग्रेस नेताओं में से एक मानता हूं। वह एक अच्छे दोस्त भी हैं। हम सभी उन्हें पार्टी में महत्व देते हैं। उन्हें आना चाहिए और अपनी शिकायतें रखनी चाहिए, रास्ते खुले हैं। सभी लोग उन्हें सुनने के लिए तैयार हैं।
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार को करीब 120 विधायकों का समर्थन हासिल है। ऐसे में 18 विधायक टूट जाने पर भी उनकी सरकार अल्पमत में नहीं आएगी। यही वजह है कि राज्य में थर्ड फ्रंट बनने के आसार भी दिखाई दे रहे हैं। इस बीच, एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जो विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए हैं, उनमें राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाना, इंद्राज गुर्जर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा, इंदिरा मीणा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर और सुरेश मोदी हैं।
इस बीच, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के महासचिव रूपेश कांत व्यास ने ट्वीट कर कहा, भाजपा हरसंभव प्रयास कर रही है कि राज्य सरकार को अस्थिर कर येन केन प्रकारेण सत्ता हासिल करें, लेकिन हमारे सभी विधायक पार्टी के प्रति समर्पित हैं और सरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में पूरे 5 साल कार्य करेगी। पीसीसी महासचिव रूपेश कांत व्यास ने सोनिया गांधी से अनुशासनहीन विधायकों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
कांग्रेस ने रविवार देर रात व्हिप जारी किया था। इसके मुताबिक, यदि कोई विधायक बिना किसी विशेष कारण के विधायक दल की बैठक में गैरहाजिर होगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय झा के बाद अब राजस्थान में कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा के सुर बगावती हो गए हैं। उन्होंने राजस्थान कांग्रेस में मचे सियासी घमासान को और हवा देने की कोशिश की। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'मैं सचिन पायलट के साथ हूं।' शायद यही वजह है कि प्रियंका गांधी अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों से बातचीत कर रही हैं। हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि सचिन पायलट क्या सुलह का फॉर्मूला मानेंगे? सूत्र बता रहे हैं कि पायलट अपने 4 करीबियों को मंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। साथ ही वह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद भी अपने पास रखना चाहते हैं।
पार्टी विधायकों की संख्या
कांग्रेस 107
भाजपा 72
निर्दलीय 13
आरएलपी 03
बीटीपी 02
लेफ्ट 02
आरएलडी 01
कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक में शामिल सभी विधायकों को अब होटल फेयरमाउंट भेज दिया है। हालांकि, कांग्रेस में मचे घमासान के चलते अशोक गहलोत सरकार के अस्थिर होने के दावे भी किए जा रहे हैं। डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी बहुमत को लेकर सवाल उठा दिया है।
उल्लेखनीय है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी की तरफ से पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने कुछ विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे थे। पायलट ने कांग्रेस के 30 विधायकों के साथ कुछ निर्दलियों के समर्थन की बात कही है। उन्होंने गहलोत सरकार के अल्पमत में होने का भी दावा किया है। हालांकि, अब पता चला है कि पायलट समर्थक 20 विधायक ही बैठक से गैरहाजिर रहे। यानी इसका मतलब यह है कि पायलट समर्थक 10 विधायक सीएम आवास पर हुई बैठक में मौजूद थे।
बता दें कि इससे पहले खबर आ रही थी कि सचिन पायलट सोमवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं। इसके बाद से ही अटकलों का बाजार गर्म रहा। सचिन पायलट ने इससे पहले रविवार शाम में दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मुलाकात की थी। तभी ऐसी खबरें आईं थीं कि सचिन पायलट राजस्थान में थर्ड फ्रंट बनाने पर भी विचार कर रहे हैं।
राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच वसुंधरा राजे की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। बता दें कि बीते 3 दिनों से राजस्थान में गहलोत सरकार पर संकट छाया हुआ है। डिप्टी सीएम सचिन पायलट बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं और गहलोत सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रहे हैं। वहीं गहलोत का दावा है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम के बीच भाजपा नेता ओम माथुर और गजेन्द्र शेखावत ही खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है।
इससे पहले सचिन पायलट के बागी सुर देखकर कांग्रेस के भीतर ही उनका समर्थन शुरू हो गया। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय झा ने ट्वीट कर कहा है कि मैं पूरी तरह से सचिन पायलट के समर्थन में हूं। संजय झा ने लिखा, "राजस्थान के 2013 विधानसभा चुनाव के दौरान अशोक गहलोत सीएम थे और चुनाव नतीजों के नतीजे भाजपा- 163, कांग्रेस - 21 (अब तक के सबसे कम) आए थे। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को 73 और कांग्रेस को 100 सीटें मिलीं। एक आदमी ने पांच साल तक इसके लिए मेहनत की और वो हैं सचिन। लेकिन सीएम कौन बना?"
खबरें यह भी हैं कि सचिन पायलट दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे थे। हालांकि, गांधी परिवार ने उनसे तत्काल जयपुर लौटने के लिए कहा। कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने पायलट से अशोक गहलोत के अंतर्गत ही काम करने के लिए कहा है। पार्टी हाईकमान ने फिलहाल मुख्यमंत्री पद के लिए गहलोत का ही समर्थन किया है।
सीएम अशोक गहलोत के आवास पर कांग्रेस विधायकों की बैठक चल रही है। सीएम के मीडिया सलाहकार ने जानकारी दी है कि इस बैठक में 107 विधायक मौजूद हैं। बता दें कि इससे पहले पार्टी द्वारा 109 विधायकों के समर्थन की बात कही जा रही थी।