Rajasthan Government Crisis HIGHLIGHTS: गहलोत सरकार ने राज्यपाल कलराज मिश्र के पास विधानसभा सत्र आयोजित कराने के लिए प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव में 31 जुलाई को विस सत्र आयोजित कराने की मांग की गई है। खास बात ये है कि इस प्रस्ताव में फ्लोर टेस्ट का कोई जिक्र नहीं है और एजेंडा कोरोना वायरस रखा गया है।
इससे पहले भी सीएम विधानसभा सत्र बुलाए जाने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेज चुके हैं लेकिन उसे राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी थी, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने राजभवन में धरना भी दिया था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब कैबिनेट की सलाह पर राज्यपाल विधानसभा का सत्र बुलाएंगे या फिर वह अपने विवेक से कोई फैसला ले सकते हैं?
बता दें कि संविधान के जानकारों का कहना है कि संविधान के मुताबिक राज्यपाल को कैबिनेट की सलाह मानना बाध्यकारी है लेकिन जब ऐसे विवाद हों, जहां सीएम के पास कितने विधायकों का समर्थन है तो यह स्पेशल केस है। ऐसे में राज्यपाल विधायकों को राजभवन बुलाकर उनसे बात कर सकते हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने साधा अशोक गहलोत पर निशाना, बोले- राज्यपाल को खुद सीएम असुरक्षित महसूस करा रहे
कांग्रेस नेता अजय माकन ने राजस्थान में जारी सियासी संकट पर अपने एक बयान में कहा है कि आज तक के लोकतांत्रिक इतिहास में कभी भी विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को रोका नहीं गया और ऐसा भी कभी नहीं हुआ कि चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती है और उसके अंदर रुकावटें पैदा की जा रही हैं।
राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा ट्वीट कर कहा है कि भारत का लोकतंत्र संविधान के आधार पर जनता की आवाज से चलेगा। भाजपा के छल कपट के षडयंत्र को नकारकर देश की जनता लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करेगी।'
राजस्थान की नवीं विधानसभा के दौरान साल 1990 में तत्कालीन सीएम भैरों सिंह शेखावत ने भी विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव सदन में पेश किया था, जो कि ध्वनि मत से पारित हो गया था। इसके बाद शेखावत सरकार ने 20 नवंबर 1990 को फिर से सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस बार भी सरकार को सफलता मिली। तीसरी बार दसवीं विधानसभा के दौरान साल 1993 में भी शेखावत सरकार ने विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया। इसमें भी सरकार को सफलता मिली।
कांग्रेस ने कहा है कि वह भाजपा द्वारा संविधान एवं लोकतंत्र विरोधी कदमों के खिलाफ 27 जुलाई को सभी प्रदेशों के राजभवनों के बाहर धरना प्रदर्शन करेगी। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में यह भी बताया कि कांग्रेस रविवार को सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर 'स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी' अभियान भी चलाएगी।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत कांग्रेस ने लोगों से लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस अभियान के संबंध में एक वीडियो ट्वीट किया है।
गहलोत सरकार जहां विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। वहीं राज्यपाल ने अभी तक इसकी मंजूरी नहीं दी है। इस बीच भाजपा इस पूरे मसले पर चुप्पी साधे हुए है। दरअसल भाजपा नहीं चाहती कि सरकार सत्र बुलाकर सचिन पायलट गुट के खिलाफ कोई कार्रवाई करे। भाजपा की कोशिश है कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की सदस्यता बची रहे, ताकि उन्हें साथ लेकर गहलोत सरकार को सत्ता से बाहर किया जा सके।
राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने ट्वीट कर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। पुनिया ने लिखा कि 'जनता सब देख रही है; ईश्वर भी साक्षी है; आपका ईमान कैसे गवाही दे रहा है, कुर्सी की भूख ने आपको लोभी बना दिया है। कोरोना ही नहीं अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं, क्या बाड़े में बैठे रहना ही लोकतंत्र है? शासन है? कांग्रेस बताए कब बाड़े से निकलेगी अशोक गहलोत सरकार?'
राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने राज्य में जारी सियासी लड़ाई के लिए भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी हमारी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने की सीएम की मांग को नहीं मान रहे हैं, जिससे पता चलता है कि केन्द्र सरकार किस तरह से संवैधानिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक मूल्यों का गलत इस्तेमाल कर रही है।
अशोक गहलोत सरकार ने 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाए जाने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा है। एबीपी न्यूज के हवाले से यह खबर सामने आयी है। इससे पहले भी सीएम विधानसभा सत्र बुलाए जाने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेज चुके हैं लेकिन उसे राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी थी, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने राजभवन में धरना भी दिया था।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया का कहना है कि कांग्रेस ने राजभवन को प्रदर्शन का अखाड़ा बना दिया है। पार्टी के आंतरिक संघर्ष के कारण राज्य में कानून व्यवस्था खत्म होने की स्थिति में आ गई है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलौत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सुलह के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। मामला न्यायालय में है। दूसरी तरफ नेताओं के तीखे बयानबाजी से पार्टी के भीतर और बाहर असंतोष और बढ़ रहा है। वरिष्ठ नेताओं ने संयम से काम लेने की अपील की है।
कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने हमसे होटल में लंबे समय तक ठहरने के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो हम राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे और प्रधानमंत्री के आवास के बाहर धरना भी देंगे।’’ गहलोत खेमे के कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार को राज भवन के प्रांगण में पांच घंटे तक धरना दिया था। उन्होंने नारेबाजी की और राज्यपाल कलराज मिश्र से विधानसभा का सत्र बुलाये जाने की मांग की ताकि वे अपना बहुमत साबित कर सकें।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र को बचाने की मौजूदा लड़ाई में अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस विधायक राष्ट्रपति से मिलेंगे और प्रधानमंत्री के आवास के बाहर धरना देंगे। गहलोत ने आज यह बयान दिया जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किये और भाजपा पर राज्य सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया। पार्टी सूत्रों के अनुसार गहलोत ने यहां पार्टी विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह चेतावनी दी।
राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजभवन में ‘धरना’ देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि जिस राज्य में मुख्यमंत्री खुद राज्यपाल को ‘‘असुरक्षित महसूस’’ कराते हैं, वहां राज्य के लोगों को मुख्यमंत्री के सामने अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाना बेकार है।
राजस्थान की सियासी उठापठक के बीच कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि भाजपा के ‘संविधान एवं लोकतंत्र विरोधी कदमों’ के खिलाफ वह 27 जुलाई को सभी प्रदेशों के राजभवनों के सामने धरना देगी। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में यह भी बताया कि कांग्रेस रविवार को सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर ‘स्पीक अप फॉर डेमोक्रेसी’ अभियान चलाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियाद पर भाजपा द्वारा हमला किया जा रहा है। भाजपा धन बल का इस्तेमाल करने के साथ साथ संवैधानिक संस्थाओं का भी दुरुपयोग कर रही है। खरीद-फरोख्त के दम पर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकारों को गिराना आज सामान्य बात हो चुकी है।’’
राजस्थान के अशोक गहलोत मंत्रिमंडल ने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने के लिए संशोधित प्रस्ताव शनिवार को मंजूर कर दिया। इस प्रस्ताव को अब राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजा जा रहा है। सूत्रों ने बताया,'एजेंडे के साथ पत्रावली को मंत्रिमंडल की यहां हुई बैठक में मंजूरी दी गयी। इसे राज्यपाल के पास भेजा रहा है।’’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार शाम को यहां मुख्यमंत्री निवास में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में उन बिंदुओं पर चर्चा की गई जो राज्यपाल ने पहले के प्रस्ताव को लेकर उठाए थे। इसके बाद संशोधित प्रस्ताव को मंजूर किया गया। सूत्रों ने कहा कि विचार विमर्श के बाद सभी कानूनी प्रक्रियाओं और प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए संशोधित प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी।
राजस्थान पुलिस का विशेष कार्यबल (एसओजी) कई बार प्रयास करने के बावजूद आडियो टेप प्रकरण मामले में कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा तक नहीं पहुंच पाया है। इस कथित आडियो टेप में कथित तौर पर शर्मा, गजेंद्र सिंह एवं संजय जैन की आवाज है। आरोप है कि इस टेप की आवाज से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त की बातचीत कथित तौर पर हो रही है। एसओजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यहां कहा कि एसओजी ने मानेसर के एक होटल को सीसीटीवी फुटेज एवं वहां रुके लोगों की सूची उपलब्ध कराने का आग्रह किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या विधायक वहां थे।
राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं। एक विधायक बीमार हैं। ऐसे में सदन में अभी 199 सदस्य हैं। जिसके बाद राजस्थान में बहुमत का आंकड़ा 100 है। गहलोत कैंप की बात करें तो उनके पास कांग्रेस के 87, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2, निर्दलीय के 10 और सीपीएम के एक विधायक का समर्थन है। एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पायलट कैंप के पास 19 बागी विधायकों और 3 निर्दलीय का समर्थन बताया जा रहा है। विपक्षी पार्टी भाजपा के पास 72 और आरएलपी के 3 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में यदि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक भाजपा के खेमे में जाते हैं तो उनके पास 97 विधायकों का समर्थन होगा। ऐसे में राज्य में स्थिति काफी कांटेदार बन सकती है। यही कारण है कि गहलोत फ्लोर टेस्ट कराकर अपने आप को सुरक्षित करना चाहते हैं।
राजभवन में ‘धरना’ देने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को कहा कि जिस राज्य में मुख्यमंत्री खुद राज्यपाल को ‘‘असुरक्षित महसूस’’ कराते हैं, वहां राज्य के लोगों को मुख्यमंत्री के सामने अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाना बेकार है। राजस्थान में कांग्रेस विधायक तथा अशोक गहलोत सरकार के समर्थक अन्य विधायक शुक्रवार को राजभवन में धरने पर बैठ गए थे। ये विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने के लिए राजभवन गए थे। राज्यपाल कलराज मिश्र ने आश्वासन दिया था कि वह विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए संवैधानिक प्रावधानों का पालन करेंगे। इसके बाद विधायकों ने पांच घंटे के बाद अपना धरना समाप्त कर दिया था।
राजस्थान में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजस्थान इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम राज्यपाल कलराज मिश्र से मिला। उसने राजस्थान में अराजकता का वातावरण पैदा होने की बात करते हुए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां की अगुवाई में यह प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला। राजभवन के बाहर भाजपा नेताओं ने राज्य में बीते दो दिन के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। पूनियां ने कहा कि कांग्रेस ने राजभवन को धरने एवं प्रदर्शन का अखाड़ा बना दिया। उन्होंने कांग्रेस द्वारा शनिवार को जिला मुख्यालयों पर किए गए धरने प्रदर्शन के उद्देश्य पर भी सवाल उठाया।
राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिन पायलट गुट के विधायकों को राहत देते हुए यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की कोशिश है कि वह अपनी सदस्यता से जुड़ी कानूनी लड़ाई जीत जाएं। क्योंकि यदि ऐसा होता है कि कांग्रेस आलाकमान की तरफ से बागी विधायकों की शर्तों पर गौर किया जा सकता है। बागी विधायकों का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है, जो पार्टी के खिलाफ हो।
राजस्थान सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए एक संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर रात हुई बैठक में उन बिंदुओं पर विचार किया गया जो सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने उठाए हैं। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को भी हो सकती है। सूत्रों ने कहा, ‘‘विधानसभा सत्र बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव पर राजभवन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर शुक्रवार रात कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई।’’ सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को फिर हो सकती है। मंत्रिमंडल से मंजूरी के बाद ही संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा।
कांग्रेस ने 'भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र के खिलाफ' शनिवार को राज्य के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस ये धरने-प्रदर्शन ऐसे समय में कर रही है, जबकि राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है। पार्टी के सारे विधायक व मंत्री हालांकि जयपुर के पास एक होटल में रुके हुए हैं इसलिए इन धरना-प्रदर्शनों की अगुवाई बाकी नेता कर रहे हैं। राजधानी जयपुर के साथ साथ जोधपुर व बीकानेर सहित अन्य जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना-प्रदर्शन किये जा रहे हैं।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत आज शाम में फिर से राज्यपाल कलराज मिश्र से राजभवन में मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में गहलोत विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर चर्चा कर सकते हैं।
राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें हैं। एक विधायक बीमार हैं। ऐसे में सदन में अभी 199 सदस्य हैं। जिसके बाद राजस्थान में बहुमत का आंकड़ा 100 है। गहलोत कैंप की बात करें तो उनके पास कांग्रेस के 87, भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2, निर्दलीय के 10 और सीपीएम के एक विधायक का समर्थन है। एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पायलट कैंप के पास 19 बागी विधायकों और 3 निर्दलीय का समर्थन बताया जा रहा है। विपक्षी पार्टी भाजपा के पास 72 और आरएलपी के 3 विधायकों का समर्थन है। ऐसे में यदि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक भाजपा के खेमे में जाते हैं तो उनके पास 97 विधायकों का समर्थन होगा। ऐसे में राज्य में स्थिति काफी कांटेदार बन सकती है। यही कारण है कि गहलोत फ्लोर टेस्ट कराकर अपने आप को सुरक्षित करना चाहते हैं।
राज्यपाल ने सरकार से सवाल पूछा है कि वह विधानसभा का सत्र क्यों बुलाएं? राज्यपाल ने सरकार को एक चिट्ठी भेजी है, जिसमें उन्होंने पूछा है कि सरकार ने विधानसभा सत्र की कोई तारीख नहीं बतायी है? इसके साथ ही सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने की वजह भी नहीं बतायी है। कैबिनेट ने भी सत्र के लिए कोई अप्रूवल नहीं दिया है। गवर्नर ने कोविड19 के हालात को देखते हुए भी विधानसभा सत्र बुलाने पर सवाल खड़े किए हैं।
राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। यह धरना प्रदर्शन प्रदेश कांग्रेस के सभी जिला मुख्यालयों और यूथ कांग्रेस के कार्यालयों में किया जा रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल का कहना है कि देश में लोकतंत्र की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है। राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने की इजाजत नहीं देने पर सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट इस तरह के आदेश पारित करेंगे तो उनके सामने बहस करने का क्या फायदा है? सिब्बल ने कहा कि इस वक्त कांग्रेस को सबको साथ लेकर सड़क पर उतरना चाहिए और लोगों को यह बताना चाहिए कि किस तरह से लोकतंत्र की परिभाषा बदली जा रही है।
सीएम अशोक गहलोत ने आज फिर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलायी है। यह बैठक जयपुर स्थित होटल में हो रही है, जहां गहलोत सरकार समर्थक विधायक ठहरे हुए हैं। इस बैठक में सोमवार को विधानसभा का सत्र बुलाने की योजना पर चर्चा चल रही है।
आयकर विभाग ने बीते दिनों मयंक शर्मा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमारी की थी। बता दें कि इस फर्म में एडीजी (निजी) अनिल पालीवाल की पत्नी सारिका अनिल पालीवाल निदेशक हैं। अनिल पालीवाल 3 जुलाई तक करीब एक साल तक एडीजी (एटीएस और एसओजी) रहे थे। इसके बाद इन्हें एडीजी (निजी) के पद पर शिफ्ट कर दिया गया था। बता दें कि कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी ने अनिल पालीवाल के कार्यकाल के दौरान ही विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के मामले में शिकायत दर्ज करायी थी।
कांग्रेस पार्टी केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बात करते हुए संजीवनी कॉऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले का मुद्दा उठाया। बता दें कि 884 करोड़ रुपए के इस पॉन्जी स्कीम घोटाले में कोर्ट ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी विधायकों को आश्वासन दिया है कि वह संविधान के अनुच्छेद 174 के अनुरूप ही कदम उठाएंगे। उक्त अनुच्छेद राज्य विधानसभा का सत्र आहूत करने में राज्यपाल की भूमिका से जुड़ा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल का कहना है कि देश में लोकतंत्र की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है। राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने की इजाजत नहीं देने पर सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट इस तरह के आदेश पारित करेंगे तो उनके सामने बहस करने का क्या फायदा है? सिब्बल ने कहा कि इस वक्त कांग्रेस को सबको साथ लेकर सड़क पर उतरना चाहिए और लोगों को यह बताना चाहिए कि किस तरह से लोकतंत्र की परिभाषा बदली जा रही है।
कांग्रेस पार्टी भाजपा पर राजस्थान में साजिश रचने का आरोप लगा रही है। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने आज राजस्थान में भाजपा के खिलाफ विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित करने का फैसला किया है। इसके तहत कांग्रेस राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर भाजपा के खिलाफ धरना प्रदर्शन होगा। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने 'लोकतंत्र के खिलाफ साजिश और उसकी हत्या' की है।
राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा है कि सीएम गहलोत को विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए इतना अधीर नहीं होना चाहिए। पुनिया ने कहा कि मैं यह मानता हूं कि इन सारी परिस्थितियों में कानूनी दायरे, संवैधानिक दायरे में रहते हुए धैर्य के साथ मुकाबला करना चाहिए।
राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच सीएम अशोक गहलोत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर अड़े हैं। शुक्रवार की देर रात सीएम ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कैबिनेट मीटिंग बुलायी। सीएम चाहते हैं कि सोमवार को ही विधानसभा का सत्र आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं।