राजस्थान चुनाव में सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड बदलने की कोशिश में जुटीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इन दिनों अपने विधानसभा क्षेत्र हाड़ौती में ताबड़तोड़ प्रचार कर रही हैं। यहां प्रचार के दूसरे दिन वसुंधरा ने मध्य प्रदेश सीमा से सटे चौमहला और बकानी में सभाओं को संबोधित किया और पुरानी यादें भी ताजा की। लगातार तीन बार झालरापाटन से विधायक रहीं वसुंधरा राजे को इस बार उनके विधानसभा क्षेत्र में ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
‘…अब मुझे कोई पूछता ही नहीं’: वसुंधरा ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा पहली मुझे पूर्व मंत्री अनंगकुमार जैन बकानी लेकर आए थे। तब गड्ढों भरी सड़कों से आने में दो घंटे का समय लगता था। अब 30 मिनट ही लगते हैं। वसुंधरा ने कहा, ‘पहले बकानी के लोग घर ले जाकर भोजन करवाते थे, अब कोई पूछता ही नहीं।’ इसके बाद वसुंधरा ने क्षेत्र के विकास में अपनी योजनाओं को गिनवाया और कहा, ‘ये आपके ही आशीर्वाद और प्रेम से बदले हालात हैं। आप ऐसे ही प्यार देते रहें, मैं झालावाड़-बारां का नाम रोशन करती रहूंगी।’
अबकी बार मुश्किल में सरकार! जातीय समीकरण गड़बड़ाने और मानवेंद्र सिंह के मैदान में आने से इस बार वसुंधरा अपने ही विधानसभा क्षेत्र में मुश्किलों का सामना कर रही है। दरअसल एससी-एसटी एक्ट जैसे कई मसलों को लेकर भाजपा का परंपरागत समर्थक राजपूत समुदाय इस बार नाराज बताया जा रहा है। राजपूत करणी सेना ने यहां भाजपा का बहिष्कर करने और मानवेंद्र सिंह को जीताने का आह्वान भी किया है। मानवेंद्र सिंह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं।