राजस्थान के जालौर जिले में एक संत ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। संत का शव शनिवार सुबह आश्रम के आगे एक पेड़ पर लटका पाया गया, जिसके बाद हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मौके से सुसाइड नोट बरामद किया। रिपोर्ट के मुताबिक, आश्रम के साधुओं ने भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है।

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, संत ने सुसाइड नोट में भूमि विवाद का जिक्र किया है और प्रशासन से उनके शव का पोस्टमार्टम न कराने की अपील भी की। इस बीच, अन्य साधुओं ने पुलिस पर नोट छिपाने का आरोप लगाया और राजपुरा गांव में सुंधा माता मंदिर की तलहटी के पास पेड़ से लटके मिले साधु के शव को लेने से इनकार कर दिया। मौके पर जमा सैकड़ों की संख्या में भीड़ ने कार्रवाई की मांग को लेकर शव उठाने से इनकार कर दिया।

जालौर एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि जिले के जसवंतपुरा गांव के पास एक संत का शव उनके आश्रम के सामने पेड़ से लटका मिला। स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची थी और आगे की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, उन्होंने सुसाइड नोट के बारे में कुछ नहीं बताया।

किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने आश्रम के पास भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की है। पुलिस के मुताबिक, विधायक पूराराम चौधरी आश्रम के पीछे की जमीन के मालिक हैं। यह विवाद तब पैदा हुआ जब भाजपा विधायक ने आश्रम की जमीन पर रास्ता बनाने का प्लान बनाया। तीन दिनों पहले, विधायक ने कुछ लोगों को आश्रम परिसर में जमीन नापने के लिए भेजा तो संत रविनाथ नाराज हो गए।

विधायक ने क्या कहा?

वहीं, अपने ऊपर लगे आरोपों पर पूराराम चौधरी ने कहा कि आश्रम के पीछे उनकी कॉमर्शल जमीन है, जिसे उन्होंने 30 साल पहले खरीदा था। मैं उस जमीन पर रिसॉर्ट बनाना चाहता था। गुरुवार को तहसीलदार से इजाजत के बाद सरकारी अधिकारी द्वारा जमीन को नापा गया था। संत रविनाथ ने इस पर कोई आपत्ति नहीं की थी और न ही हमारे बीच कोई विवाद था।