राजस्थान में एक व्यक्ति की मौत पर उसकी चार बेटियों ने अर्थी को कंधा दिया और मुखाग्नि दी। दरअसल मरने वाले व्यक्ति के कोई बेटा नहीं था, जिसके चलते बेटियों ने ही बेटे की जिम्मेदारी निभायी। समाज के लोगों ने भी इस पहल का स्वागत किया है। वहीं राजस्थान से भाजपा सांसद और पूर्व ओलंपियन राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भी इस बात की तारीफ की है।

राठौर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पिता की अर्थी को कंधा देती बेटियों की तस्वीर साझा की है। ट्वीट के कैप्शन में राठौर ने लिखा है कि “चार बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया- बेटियां, बेटों से कम नहीं होतीं। मेरी लोकसभा जयपुर ग्रामीण के कंवरपुरा गांव की घटना। भारत बदल रहा है।”

बता दें कि बेटियों द्वारा पिता की अर्थी को कंधा देने की घटना जयपुर के कंवरपुरा इलाके में घटी। मृतक और उनकी पत्नी कंवरपुरा में अपनी बेटियों के पास ही रहते थे। पिता के निधन के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने फैसला किया कि बेटियां ही पिता को मुखाग्नि व कंधा देंगी। बड़ी बेटी ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। वहीं इस घटना पर ग्रामीणों का कहना है कि बेटियों को बेटों के समान अधिकार देना समाज के लिए अच्छा है।

बता दें कि धीरे धीरे समाज में बदलाव देखने को मिल रहा है। दरअसल बेटियों द्वारा पिता की अर्थी को कंधा देने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इससे पहले बीते साल जुलाई में भी राजस्थान के सीकर में ही एक व्यक्ति के निधन के बाद उनकी बेटियों ने ही उनकी अर्थी को कंधा दिया था।

इसी तरह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में भी ऐसा ही देखने को मिला था, जब पिता के देहांत के बाद उनकी बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया और मुखाग्नि भी दी। कुछ माह पहले ही उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भी ऐसी ही घटना सामने आयी थी।