Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में जारी सियासी उठापटक के बीच विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़ के बाद और भी कोई भाजपा में आया तो हैरानी नहीं होगी। इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौर ने कांग्रेस संकट और उस पर भारतीय जनता पार्टी के रुख पर चर्चा की।

सचिन पायलट के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर राजेंद्र राठौर ने कहा, “कौन पार्टी में शामिल होगा या नहीं, यह हाईकमान तय करता है। पर हमारी जनाधार वाली पार्टी है। मास बेस पार्टी के तहत लोग जुड़ते हैं।” उन्होंने कहा, “आपने देखा होगा कि हाल ही में कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ भी भाजपा में शामिल हुए हैं। अब अगर कोई और भी पार्टी में शामिल होता है, तो हैरानी नहीं होगी।

रोजाना विधायकों के मिजाज की जांच करनी पड़ती: राजेंद्र राठौर का कहना है, “राजस्थान के इतिहास में आज तक सत्ताधारी दल में इस तरह से अंतर्विरोध नहीं हुआ है। कांग्रेस सरकार अंतर्विरोध के तहत पैदा हुई थी, और इसका अंत अंतर्विरोध के कारण होगा।” उन्होंने कहा, “सरकार में बैठे लोगों ने सरकार के मुखिया को इतना कमजोर कर दिया है कि मुख्यमंत्री को रोजाना अपने विधायकों के मिजाज की जांच करनी पड़ती है और अपनी सरकार को बचाने के लिए हर हफ्ते एक वीक प्लान के साथ आना पड़ता है। इस सरकार के तहत विकास और शासन कमजोर है।”

प्रारूप के अनुसार नहीं इस्तीफे: कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे पर भाजपा नेता ने कहा कि राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया नियम की धारा 173 के अनुसार एक निर्धारित प्रोफार्मा है। अगर कोई इस्तीफा देना चाहता है तो उसे उस प्रारूप में अपना इस्तीफा देना होगा। हालांकि, कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे प्रारूप के अनुसार नहीं हैं इसलिए यह अध्यक्ष के विवेक पर निर्भर है।

भाजपा का चेहरा कमल का फूल: राजस्थान के घटनाक्रम पर बीजेपी की रणनीति और चुनाव होने की दशा में सीएम फेस के सवाल पर राजेंद्र राठौर ने कहा, “हम सतर्क विपक्ष हैं। हम बदलती परिस्थितियों को देखते हुए ही कोई फैसला लेंगे। 2020 में, उनमें आंतरिक दरार थी अब भी यह एक आंतरिक दरार है। ऐसे में अध्यक्ष अगर उनके इस्तीफे को स्वीकार करते हैं, तो संवैधानिक संकट होने पर भाजपा अपनी आवाज उठाएगी।” उन्होंने कहा कि चुनावों में भाजपा का चेहरा कमल का फूल होगा।

क्या अशोक गहलोत अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस के लिए सबसे अच्छा विकल्प हैं? इस सवाल के जवाब में भाजपा नेता ने कहा, “कांग्रेस आंतरिक लोकतंत्र की बात करती है, एक बार जब उन्होंने तय कर लिया कि गहलोत को अपना नामांकन दाखिल करना चाहिए, तो उन्हें दाखिल करना चाहिए। अब उन्हें ठुकराने का मतलब है कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है।”