राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है। इसके बावजूद अभी तक 25 नेताओं ने अपने नामांकन पत्र कांग्रेस की तरफ से दाखिल कर दिए हैं। इनमें चार तो मौजूदा विधायक हैं और कई पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। कांग्रेस की सूची आजकल-आजकल में घोषित होने के फेर में अटकी हुई है। प्रदेश में नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 नवंबर ही है। राज्य में कांग्रेस के टिकट के दावेदारों की धड़कनें लगातार तेज होती जा रही हैं। कांग्रेस अभी तक अपनी पहली सूची भी जारी नहीं कर पाई है। कांग्रेस की गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में राजस्थान के उम्मीदवारों के बारे में फैसला हो जाएगा। इसके बाद से ही उसके प्रत्याशी अपने परचे दाखिल करेंगे। इसके बावजूद कांग्रेस के जहाजपुर के विधायक धीरज गुर्जर ने अपने नाम का एलान होने से पहले ही परचा दाखिल भी कर दिया है। इसी तरह से बाडी के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा, बाडमेर के विधायक मेवाराम जैन और सरदारशहर के विधायक भंवरलाल शर्मा ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।

पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने बायतू सीट से अपना परचा भर दिया है। पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया ने गोगूंदा से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। पूर्व मंत्री बृजकिशोर शर्मा ने नामांकन पत्र जिला निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर से ले लिया है। शर्मा का कहना है कि पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाएगी तभी वो परचा दाखिल करेंगे।

कांग्रेस में टिकट दावेदारों का इंतजार लंबा खिंचने से पार्टी में सभी गतिविधियां ठप पड़ गई हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट का कहना है कि उम्मीदवारों की सूची अब कभी भी जारी हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि पार्टी के कई नेता मुहूर्त के हिसाब से अपना परचा भरते हैं। इसलिए हो सकता है कि कुछ नेताओं ने टिकट मिलने की संभावना के चलते मुहूर्त के कारण परचा दाखिल कर दिया होगा। पार्टी के तमाम दावेदार टिकट मिलने पर ही मैदान में रहेंगे। गहलोत का दावा है कि कांग्रेस में टिकट चाहने वालों की कतार बहुत लंबी हो गई। पार्टी नेतृत्व पूरी तरह से सोच समझ कर ही टिकट वितरण की प्रक्रिया में जुटी हुई है।